Sat, 08 Nov 2025 11:27:42 - By : Garima Mishra
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में रहने वाले एक युवक के साथ फेसबुक के जरिए हुई ऑनलाइन ठगी ने उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। हरिद्वार में गार्ड की नौकरी कर रहे सिकंदरपुर तहसील के सिसोटार दियरा गांव निवासी अखिलेश शर्मा अब 14 करोड़ रुपये के जीएसटी बकायेदार बन चुके हैं। सोशल मीडिया पर नौकरी की एक पोस्ट पर भरोसा करना उनके लिए भारी पड़ गया।
अखिलेश ने बताया कि जनवरी माह में फेसबुक पर सुपरवाइजर की नौकरी का एक विज्ञापन देखा, जिसमें 25 हजार रुपये वेतन का ऑफर था। विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क करने पर फोन उठाने वाली युवती ने खुद को कोमल शर्मा बताया और अखिलेश को नौकरी देने का भरोसा दिलाया। धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और विश्वास बन गया। इसके बाद युवती ने उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और अन्य दस्तावेज मांगे। उसने ज्वाइनिंग प्रक्रिया के नाम पर ओटीपी भी हासिल कर लिया।
कुछ दिनों बाद युवती का नंबर बंद हो गया। अखिलेश ने सोचा कि शायद नौकरी नहीं मिली। लेकिन कुछ महीनों बाद उनके फोन पर राजस्थान जीएसटी विभाग से कॉल आया और बताया गया कि उनके नाम से शर्मा इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी रजिस्टर है, जिसके जरिए 28 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। अब वे 14 करोड़ रुपये के टैक्स बकायेदार हैं।
यह सुनकर अखिलेश के पैरों तले जमीन खिसक गई। जीएसटी अधिकारियों ने उनके बलिया स्थित घर पर नोटिस चस्पा किया। घबराए अखिलेश तुरंत हरिद्वार से बलिया पहुंचे और पुलिस अधीक्षक व कर अधिकारियों को पूरी घटना बताई। उन्होंने ठगी के इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कर अधिवक्ता पंकज पांडेय ने कहा कि यह मामला प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है। अधिकारियों द्वारा शुरुआती जांच न करने के कारण न केवल एक निर्दोष व्यक्ति ठगी का शिकार हुआ बल्कि सरकार के करोड़ों रुपये के टैक्स की चोरी भी हुई। उन्होंने कहा कि यह पूरा खेल टैक्स चोरी का है जिसमें एक सामान्य और कम जानकार व्यक्ति को मोहरा बनाया गया।
यह घटना डिजिटल युग में हो रही नई किस्म की ठगी का गंभीर उदाहरण है। सोशल मीडिया पर नौकरी, इनाम या निवेश के झांसे से पहले सत्यापन जरूरी है। एक छोटी सी असावधानी जीवनभर के आर्थिक संकट में बदल सकती है।