Fri, 05 Dec 2025 11:43:07 - By : Palak Yadav
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी में शुक्रवार की सुबह अचानक आग लगने से पूरे परिसर में अफरा तफरी की स्थिति बन गई। करीब दस बजे लाइब्रेरी भवन के ऊपरी हिस्से से धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया। शुरुआत में कर्मचारियों और छात्रों को यह समझ नहीं आया कि धुआं किस कारण उठ रहा है, लेकिन कुछ ही देर में धुआं तेजी से फैलने लगा और आग भी भड़क उठी। स्थिति को देखते हुए लाइब्रेरी में मौजूद छात्र तुरंत बाहर की ओर दौड़ पड़े। इससे परिसर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
कर्मचारियों के अनुसार धुआं देखते ही लाइब्रेरी में मौजूद सभी लोगों को बाहर निकलने की अपील की गई। देखते ही देखते आग तेज लपटों में बदलने लगी। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को इस आग की संभावित वजह बताया गया है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी। कर्मचारियों का कहना है कि जिस हिस्से में सबसे पहले धुआं दिखाई दिया, वहां इलेक्ट्रिक लाइनें गुजरती हैं और वहां किसी तरह की तकनीकी गड़बड़ी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों ने पहुंचकर आग को काबू में करने की कोशिश शुरू की। आग काफी तेजी से फैल रही थी जिसकी वजह से टीम को भवन के भीतर प्रवेश करने में सावधानी बरतनी पड़ी। करीब घंटे भर की लगातार कोशिश के बाद सुबह 11 बजे के आसपास आग पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सका। आग बुझाने के बाद बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है और टीम लाइब्रेरी के भीतर नुकसान का आकलन कर रही है।
सुरक्षा कारणों से सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर में छात्रों और कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बाहर बड़ी संख्या में छात्र और लोग स्थिति की जानकारी लेने के लिए जुटे रहे। परिसर में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल प्राथमिकता यह सुनिश्चित करने की है कि कोई घायल न हुआ हो और प्रभावित हिस्से को सुरक्षित किया जा सके। लाइब्रेरी प्रशासन ने कहा कि विस्तृत जांच के बाद ही यह पता चल पाएगा कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग कैसे लगी और किस हिस्से को कितना नुकसान पहुंचा है।
इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन को परिसर की विद्युत सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए भी प्रेरित किया है। कई छात्रों ने कहा कि लाइब्रेरी जैसे महत्वपूर्ण भवनों में नियमित सुरक्षा ऑडिट और इलेक्ट्रिक जांच होना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल राहत की बात यह है कि आग पर समय रहते नियंत्रण पा लिया गया, नहीं तो नुकसान और बड़ा हो सकता था।