Fri, 25 Jul 2025 16:41:33 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कान, नाक व गला (ईएनटी) विभाग में आयोजित दो दिवसीय थायरॉइड कार्यशाला 24 एवं 25 जुलाई को संपन्न हुई। इस वर्कशॉप का उद्देश्य थायरॉइड ग्रंथि की गाँठ से पीड़ित मरीजों के लिए नवीनतम सर्जिकल तकनीकों का अभ्यास व प्रसार करना था। दो दिन तक चली इस शैक्षणिक-सह-चिकित्सकीय पहल में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 30 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हिस्सा लिया और अत्याधुनिक थायरॉइड ऑपरेशन तकनीकों को करीब से समझा व सीखा।
वर्कशॉप के दौरान थायरॉइड की गाँठ से पीड़ित कुल 20 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया। विशेष बात यह रही कि सभी सर्जरी लोकल एनेस्थीसिया (अर्थात् प्रभावित हिस्से को सुन्न करके) के माध्यम से की गई, जबकि आमतौर पर थायरॉइड सर्जरी जनरल एनेस्थीसिया (बेहोश करके) में की जाती है। बी.एच.यू. का ईएनटी विभाग इस विशेष तकनीक का उपयोग काफी समय से करता आ रहा है और इस वर्कशॉप के माध्यम से अन्य क्षेत्रों के चिकित्सकों को भी यह प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे अपने-अपने चिकित्सा संस्थानों में इस पद्धति को अपनाकर अधिक मरीजों को लाभ पहुंचा सकें।
सभी मरीजों की हालत अब पूरी तरह स्थिर है और चिकित्सकीय परीक्षणों के पश्चात उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। ऑपरेशन के उपरांत सभी मरीज स्वस्थ महसूस कर रहे हैं और इस minimally invasive प्रक्रिया के कारण उन्हें पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम पीड़ा और तेज़ रिकवरी मिली है।
वर्कशॉप के दौरान सर्जरी करने वाली विशेषज्ञ टीम में प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार, प्रो. (डॉ.) विश्वंभर सिंह, डॉ. एस.के. अग्रवाल, डॉ. शिवा एस., डॉ. रामराज यादव, डॉ. राहुल तथा विभाग के जूनियर डॉक्टर शामिल रहे। इसके अतिरिक्त आसपास के अस्पतालों से भी विशेषज्ञ डॉक्टर, जैसे डॉ. संजय कुमार, डॉ. दीपक कुमार मिश्रा एवं डॉ. शिशुपाल यादव ने इस कार्यक्रम में भागीदारी की और ऑपरेशनों में सहयोग किया।
ईएनटी विभाग के प्रमुख प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार ने बताया कि इस प्रकार की वर्कशॉप न केवल चिकित्सकों के लिए एक व्यावहारिक प्रशिक्षण का माध्यम है, बल्कि इससे मरीजों को भी कम जोखिम व बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि बीएचयू मेडिकल संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है कि चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिकतम तकनीकों से जोड़ते हुए आमजन को सुलभ एवं किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
इस वर्कशॉप की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि देश में थायरॉइड जैसी जटिल सर्जरी को भी अब बिना बेहोशी के प्रभावी ढंग से किया जा सकता है, जिससे न केवल ऑपरेशन का समय घटता है, बल्कि मरीजों की रिकवरी भी तीव्र और जटिलता रहित होती है। देशभर से आए डॉक्टरों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया और बीएचयू ईएनटी विभाग के इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की।