BHU: IMS में कैंसर मरीजों के लिए जल्द लगेगी लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन

बीएचयू के आईएमएस में कैंसर मरीजों के इलाज हेतु रेडियोथेरेपी विभाग में 32 करोड़ रुपये की लागत से लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन की स्थापना को मंज़ूरी मिली, जिससे सटीक उपचार संभव होगा।

Thu, 17 Jul 2025 16:49:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (आईएमएस) में कैंसर मरीजों के इलाज को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। संस्थान के रेडियोथेरेपी विभाग में अब अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए 32 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। इस मशीन के आने से कैंसर मरीजों को रेडियोथेरेपी के दौरान न केवल अधिक सटीक उपचार मिलेगा, बल्कि सामान्य कोशिकाओं पर दुष्प्रभाव भी न्यूनतम होगा।

आईएमएस बीएचयू को एम्स जैसी सुविधाओं से लैस करने के उद्देश्य से हाल ही में स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में 100 करोड़ रुपये की लागत से कई नई मशीनों की खरीद को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद विभागवार प्रक्रिया भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। रेडियोथेरेपी विभाग को प्राथमिकता देते हुए अब इस हाईटेक मशीन की खरीद की सभी प्रशासनिक और तकनीकी औपचारिकताएं अंतिम चरण में हैं।

रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुनील चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मशीन कैंसर के उस हिस्से पर केंद्रित रेडिएशन पहुंचाने में सक्षम है, जहां ट्यूमर मौजूद होता है। इससे कैंसर की कोशिकाओं को प्रभावी ढंग से नष्ट किया जा सकता है और बाकी शरीर के सामान्य सेल को नुकसान पहुंचने की संभावना बेहद कम हो जाती है। यह लीनियर एक्सीलेरेटर परंपरागत मशीनों की तुलना में कहीं अधिक उन्नत है और कम समय में बेहतर परिणाम देने में सक्षम है।

वर्तमान में विभाग में केवल एक लीनियर एक्सीलेरेटर और एक कोबाल्ट मशीन उपलब्ध है, जो तकनीकी दृष्टि से काफी पुरानी हो चुकी हैं। इन मशीनों के माध्यम से प्रतिदिन अधिकतम 125 मरीजों को ही रेडियोथेरेपी दी जा सकती है, जबकि रोज़ औसतन 200 से अधिक मरीजों की ज़रूरत होती है। संसाधनों की सीमितता के कारण प्रतिदिन लगभग 75 मरीजों को अगली तिथि देकर लौटाना पड़ता है, जिससे न केवल मरीजों को असुविधा होती है, बल्कि इलाज में अनावश्यक विलंब भी होता है।

आईएमएस के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने कहा कि “लीनियर एक्सीलेरेटर मशीन के आने से रेडियोथेरेपी विभाग की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा और कैंसर मरीजों को समय से इलाज उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। यह कदम कैंसर चिकित्सा सेवाओं को न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगा, बल्कि मरीजों की जीवनरक्षा में भी अत्यधिक सहायक सिद्ध होगा।”

उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ महीनों में यह मशीन आईएमएस बीएचयू में स्थापित हो जाएगी और इसके साथ ही वाराणसी तथा पूर्वांचल क्षेत्र के लाखों मरीजों को अत्याधुनिक कैंसर चिकित्सा की सुविधा यहीं पर मिल सकेगी। यह प्रयास कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ लड़ाई में बीएचयू को एक नई ऊंचाई देगा और मेडिकल क्षेत्र में एक मिसाल भी बनेगा।

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