Thu, 30 Oct 2025 10:51:43 - By : Palak Yadav
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान में बुधवार को नॉन-लीनियर ऑप्टिमाइजेशन पर केंद्रित इंडो-फ्रेंच सेमिनार और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन गणित विभाग द्वारा “Recent Developments in Non-linear Optimization Problems and Applications (RDNOPA 2025)” और “The International Conference on Non-linear Optimization and Applications (ICNOA 2025)” के संयुक्त तत्वावधान में महामना सभागार में प्रारंभ किया गया। इस सम्मेलन में भारत और फ्रांस के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और शिक्षाविद शामिल हुए हैं।
इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन का उद्देश्य नॉन-लीनियर ऑप्टिमाइजेशन के क्षेत्र में नवीनतम शोध, तकनीकी प्रगति और सहयोग को बढ़ावा देना है। इस दौरान गणित, कंप्यूटर विज्ञान और डेटा विज्ञान के विशेषज्ञ इस विषय पर अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा करेंगे। सम्मेलन का उद्घाटन पारंपरिक दीप प्रज्वलन और महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति ने वातावरण को गरिमामय बना दिया।
उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में तेजी से विकसित हो रहे शैक्षणिक परिदृश्य में सहयोग, नवाचार और अनुकूलनशीलता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में शोध और शिक्षण संस्थानों को मजबूत नेटवर्क बनाकर ज्ञान के वैश्विक प्रसार में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से भारत और फ्रांस के बीच शैक्षणिक साझेदारी को और सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय की वैश्विक उपस्थिति लगातार बढ़ रही है और इस तरह के सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नई दिशा देते हैं। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि आज डेटा-आधारित शोध तेजी से सैद्धांतिक अनुसंधान को प्रभावित कर रहा है और यह समय है जब सिद्धांत और डेटा विज्ञान का मेल नए शोध के आयाम खोल रहा है।
विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन भारत और फ्रांस के गणितज्ञों, कंप्यूटर वैज्ञानिकों और अनुप्रयुक्त शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर दीर्घकालिक वैश्विक साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि ऑप्टिमाइजेशन तकनीकें आज विज्ञान, इंजीनियरिंग और डेटा विश्लेषण जैसे अनेक क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी सिद्ध हो रही हैं।
कार्यक्रम में फ्रांस से आए मुख्य अतिथि प्रोफेसर मार्क लासोंड (LIMOS, Clermont-Ferrand, France) का परिचय प्रोफेसर डिडियर ऑसल (University of Perpignan) ने कराया। उन्होंने प्रोफेसर लासोंड के शोध योगदान की सराहना करते हुए उन्हें गणित के क्षेत्र में प्रेरणादायक व्यक्तित्व बताया। इसके बाद प्रोफेसर लासोंड ने “Recent Advances in Nonlinear Optimization” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने नॉन-लीनियर समस्याओं के समाधान में उपयोग हो रहे नए एल्गोरिथ्म, मॉडलों और शोध दृष्टिकोणों पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य अतिथि का सम्मान संकाय प्रमुख प्रोफेसर अरुण देव सिंह और निदेशक प्रोफेसर संजय कुमार ने किया। सम्मेलन संयोजक प्रोफेसर एस. के. मिश्रा ने स्वागत भाषण देते हुए सम्मेलन के उद्देश्यों और अनुसंधानिक संभावनाओं पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन गणित विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एम. एम. त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
आगामी तीन दिनों तक यह सम्मेलन भारत और फ्रांस सहित कई देशों के विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहां वे नॉन-लीनियर ऑप्टिमाइजेशन, एल्गोरिथमिक डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग और औद्योगिक अनुप्रयोगों से संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगे। इसमें विशेष सत्रों के साथ शोध पत्र प्रस्तुतियां, प्लेनरी टॉक्स और इंटरएक्टिव वर्कशॉप भी आयोजित होंगी। सम्मेलन का उद्देश्य न केवल नए विचारों का आदान-प्रदान है, बल्कि इस क्षेत्र में भारत की शोध क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करना भी है।