Thu, 04 Sep 2025 07:44:12 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हाल के दिनों में हुई घटनाओं ने प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए प्रेरित किया है। इसी क्रम में कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। विश्वविद्यालय ने छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से "नमस्ते बीएचयू" एप में नया सेफ्टी फीचर जोड़ने का फैसला किया है, जिसका पहला चरण अब लागू कर दिया गया है।
महिला महाविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुलपति ने इस फीचर का औपचारिक शुभारंभ किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में छात्रा को केवल 'सेफ्टी' बटन दबाना होगा, जिसके बाद तुरंत प्रॉक्टोरियल बोर्ड का कंट्रोल रूम अलर्ट हो जाएगा। कंट्रोल रूम न सिर्फ छात्रा की पहचान व विवरण प्राप्त करेगा, बल्कि उसकी सटीक लोकेशन भी सिस्टम के जरिए मिल जाएगी। इससे पेट्रोलिंग टीम को तत्काल मौके पर भेजा जा सकेगा।
कुलपति ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा, "यदि आपको कभी डर या खतरे का आभास हो, तो बिना संकोच इस सुविधा का इस्तेमाल करें। सुरक्षा की दृष्टि से यह केवल पहला कदम है, आने वाले समय में और भी उपाय किए जाएंगे।" उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फीचर सेलुलर नेटवर्क पर आधारित है और इसका कार्यक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर तक सीमित रहेगा।
बीएचयू के मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. एस.पी. सिंह ने बताया कि महिला सुरक्षा को लेकर यह पहल विश्वविद्यालय का एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि अभी यह फीचर शुरुआती चरण में है और परीक्षण के बाद इसके और उन्नत संस्करण भी जारी किए जाएंगे। इसके लिए उप मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. निर्मला होरो के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम गठित की गई है, जो इस सुरक्षा फीचर की कार्यप्रणाली, प्रतिक्रिया समय और उपयोगिता पर लगातार निगरानी रखेगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह नई पहल छात्राओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करेगी। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे, ताकि छात्राएं निर्भीक होकर अपनी पढ़ाई और गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
यह सुरक्षा फीचर न केवल तकनीकी दृष्टि से आधुनिक पहल है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि बीएचयू प्रशासन छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। आने वाले समय में इसके सफल संचालन से यह मॉडल अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।