Fri, 01 Aug 2025 11:09:37 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शांत और शैक्षणिक वातावरण को शुक्रवार की सुबह उस समय गहरा झटका लगा जब कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के एक प्रोफेसर की पत्नी ने कैंपस स्थित आठ मंजिला इमारत की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना सुबह करीब सात बजे की बताई जा रही है, जब अधिकांश छात्र और स्टाफ अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे। कि एक दर्दनाक घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया, जब कंप्यूटर साइंस विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर रविंद्र नाथ चौधरी की पत्नी हरिथा चौधरी (42) ने हैदराबाद कॉलोनी स्थित जीटीएफआरसी की आठ मंजिला इमारत की छठी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। जैसे ही महिला के कूदने की खबर फैली, परिसर में हड़कंप मच गया और लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हरिथा चौधरी ने पांचवीं मंजिल पर स्थित अपने आवास से ऊपर जाकर छठवीं मंजिल से छलांग लगाई। मौके पर मौजूद लोगों और सुरक्षा कर्मियों ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, फील्ड यूनिट और बीएचयू प्रशासन के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
आईआईटी बीएचयू के कंप्यूटर साइंस विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रविंद्र नाथ चौधरी इस संस्थान में वर्ष 2014 से सेवारत हैं और पिछले 11 वर्षों से शिक्षा और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया पर बढ़ रही अश्लीलता और अपशब्दों पर नियंत्रण के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर भी विकसित किया था, जिसकी प्रशंसा अकादमिक जगत में की गई थी।
परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, हरिथा चौधरी पिछले कुछ महीनों से गहरे मानसिक तनाव और अवसाद से जूझ रही थीं। परिजनों ने बताया कि उनकी हालत को देखते हुए उनके माता-पिता विशेष रूप से हैदराबाद से वाराणसी आए थे और उनके साथ ही रह रहे थे, ताकि वे उनकी देखभाल कर सकें। लेकिन शुक्रवार की सुबह हरिथा ने सबकी आंखों से बचते हुए ऊपर जाकर यह खौफनाक कदम उठा लिया।
घटना की जानकारी मिलते ही प्रोफेसर रविंद्र नाथ चौधरी को गहरा आघात पहुंचा। बताया गया कि सुबह जब शोर हुआ और आस-पास के लोग बाहर निकले, तब उन्हें घटना की जानकारी हुई। इस हृदयविदारक हादसे से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनका 11 वर्षीय बेटा और 8 वर्षीय बेटी अभी उस उम्र में हैं, जब उन्हें मां की सबसे अधिक जरूरत थी।
बीएचयू प्रशासन ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए परिवार को हर संभव सहायता देने की बात कही है। विश्वविद्यालय परिसर में एक संवेदना सभा आयोजित करने की भी योजना बनाई जा रही है। वहीं पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच कर रही है और परिजनों व पड़ोसियों से पूछताछ जारी है।
इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में व्याप्त चुप्पी और अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उच्च शिक्षित, प्रतिष्ठित और सुसंस्कृत परिवारों में भी मानसिक अवसाद जैसी समस्याएं गहराई से मौजूद हो सकती हैं, जिसे समय रहते पहचानना और उपचार कराना बेहद जरूरी है।
खबर लिखे जाने तक पुलिस की टीम आगे की कार्रवाई में जुटी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे मृत्यु के सटीक कारणों की पुष्टि की जा सके। बीएचयू का शिक्षण और प्रशासनिक समुदाय इस हृदयविदारक घटना से शोक में डूबा हुआ है।