Tue, 08 Jul 2025 00:56:28 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
बिजनौर: परवल पश्चिम और दोना गांव के किसानों ने सोमवार को बिजली आपूर्ति बाधित होने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। बिजली संकट से परेशान ग्रामीणों ने बिजनौर के शारदानगर उपकेंद्र और काकोरी मोड़ स्थित एफसीआई उपकेंद्र पर कब्जा कर लिया। स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच शारदानगर उपकेंद्र पर तीखी नोकझोंक भी हुई। हालांकि, दोना गांव के किसान देर रात तक ट्रांसफार्मर बदलने के आश्वासन पर वापस लौटे।
परवल गांव के किसानों का नेतृत्व किसान यूनियन कर रही थी। सोमवार शाम करीब पांच बजे ग्रामीण मोटरसाइकिलों और कारों से लाठी-डंडों के साथ शारदानगर उपकेंद्र पहुंचे और वहां कब्जा कर लिया। प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए उपकेंद्र के कर्मचारी मौके से भाग निकले। किसानों का आरोप था कि गांव का 250 केवीए का ट्रांसफार्मर शनिवार से खराब था, जिसे पहले अस्थायी रूप से ठीक किया गया, लेकिन रविवार सुबह से पूरी तरह से बिजली बंद हो गई। लगातार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः ग्रामीणों ने ऐलान किया कि जब तक बिजली बहाल नहीं होगी, वे उपकेंद्र खाली नहीं करेंगे।
उधर, काकोरी मोड़ स्थित एफसीआई उपकेंद्र पर दोना गांव के सैकड़ों किसान शाम सात बजे प्रदर्शन के लिए पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया कि पहले गांव में 400 केवीए का ट्रांसफार्मर था जिसे खराब होने पर 250 केवीए क्षमता वाला ट्रांसफार्मर लगाया गया। ओवरलोड के कारण वह भी रविवार शाम जल गया। ग्रामीणों का आरोप है कि जानबूझकर कम क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया गया जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और पूरा गांव अंधेरे में डूबा रहा। लगातार शिकायत के बावजूद सोमवार दोपहर तक नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया। इसके विरोध में ग्रामीणों ने उपकेंद्र पर डेरा डाल दिया। दो घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपकेंद्र छोड़कर भाग गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसानों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
दुबग्गा खंड के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार वर्मा ने बताया कि दोना गांव में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की घटनाएं सामने आई हैं और हाल ही में 50 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रांसफार्मर सोमवार सुबह ही खराब हुआ था और उसे देर रात तक बदल दिया गया।
बिजली विभाग के एक्सईएन अविनाश कुमार ने बताया कि परवल गांव के लिए नया ट्रांसफार्मर तालकटोरा से भेजा गया है और जल्दी ही बिजली आपूर्ति बहाल की जाएगी। वहीं, जेई आशुतोष कुमार लगातार किसानों से संवाद बनाए हुए हैं।
ग्रामीणों के इस उग्र आंदोलन ने बिजली विभाग की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर किसान खेतों की सिंचाई और घरेलू आवश्यकताओं के लिए बिजली को लेकर परेशान हैं, तो दूसरी ओर बार-बार खराब हो रहे ट्रांसफार्मर और समय पर मरम्मत न होने से उनका धैर्य टूटता जा रहा है। अगर समय रहते बिजली विभाग ने इन समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकते हैं।