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स्वदेशी एटीएजीएस तोप प्रणाली, भारतीय सेना को मिलेगी और बढ़ेगी रक्षा क्षमता

स्वदेशी एटीएजीएस तोप प्रणाली, भारतीय सेना को मिलेगी और बढ़ेगी रक्षा क्षमता

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित, आधुनिक उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम भारतीय सेना को मिलने के लिए तैयार, जो 48 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है।

नई दिल्ली: भारत की रक्षा ताकत को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पूरी तरह से देश में विकसित की गई आधुनिक उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) अब तैयार है। यह तोप प्रणाली रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) के सहयोग से विकसित की गई है, जिसमें प्रमुख निजी कंपनियों भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने अहम भूमिका निभाई है।

दुनिया की सबसे बेहतरीन तोपों में शुमार

एआरडीई के निदेशक ए. राजू ने जानकारी दी कि एटीएजीएस 155 मिमी / 52 कैलिबर की तोप है, जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली आर्टिलरी गनों में से एक मानी जा रही है। इसकी अधिकतम मारक क्षमता 48 किलोमीटर है, जो इसे लंबे दूरी की सटीक गोलाबारी में दक्ष बनाती है। इसमें 25 बमों की क्षमता वाला एक उन्नत बैरल सिस्टम है और यह जोन सात में फायर करने में सक्षम है। फिलहाल यह तोप अनगाइडेड गोला-बारूद का उपयोग करती है, लेकिन डीआरडीओ अब गाइडेड यानी निर्देशित एम्युनिशन विकसित करने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है जिससे भविष्य में इसकी सटीकता और घातकता दोनों में इजाफा होगा।

भारतीय सेना को मिलेंगी 307 स्वदेशी तोपें

सेना की ओर से इस तोप को लेकर गहरी रुचि दिखाई गई है। मार्च 2025 में भारतीय सेना ने 307 एटीएजीएस तोपों का ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा गया है। यानी, भारत फोर्ज 60% तोपों का निर्माण करेगा जबकि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स 40% तोपें बनाएगा। पांच साल की अवधि में इन सभी तोपों की आपूर्ति भारतीय सेना को कर दी जाएगी।

स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम

एटीएजीएस परियोजना के निदेशक आर. पी. पांडेय ने बताया कि यह तोप पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित है और लगभग 75 प्रतिशत तक देश में ही निर्मित है। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

डीआरडीओ अब इस प्रणाली के लिए गाइडेड एम्युनिशन के विकास पर कार्यरत है, जिससे इसकी कार्यक्षमता और भी अधिक उन्नत होगी। इस पहल से भारत को न केवल रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, बल्कि यह रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी देश की स्थिति को मजबूत करेगा।

एटीएजीएस का सफल निर्माण और इसकी तैनाती भारत की सैन्य शक्ति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। इसके माध्यम से न सिर्फ सेना को आधुनिक और प्रभावशाली हथियार मिलेंगे, बल्कि देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को भी सशक्त बल मिलेगा। यह रक्षा अनुसंधान और निजी क्षेत्र के सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा है।

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Category: defence national

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