भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सपा की पीडीए पाठशाला को बताया ब्रेनवॉश, शिक्षा में राजनीति पर आपत्ति

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सपा की 'पीडीए पाठशाला' को 'ब्रेनवॉश' बताते हुए बच्चों की शिक्षा में राजनीति घोलने का आरोप लगाया।

Fri, 01 Aug 2025 19:44:23 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

सहारनपुर: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने समाजवादी पार्टी द्वारा सहारनपुर में शुरू की गई 'पीडीए पाठशाला' को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस पहल के माध्यम से समाजवादी पार्टी बच्चों की कोमल चेतना में राजनीति का विष घोल रही है। खासकर पाठ्यक्रम में 'ए फॉर अखिलेश यादव' और 'डी फॉर डिंपल यादव' जैसे उदाहरणों को शामिल करने पर उन्होंने सख्त आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नहीं, बल्कि समाजवादी ब्रेनवॉश की एक सुनियोजित कोशिश है, जो बच्चों को एक खास राजनीतिक विचारधारा की ओर मोड़ने का प्रयास करती है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा बच्चों की शिक्षा को राजनीति की प्रयोगशाला नहीं बनने देगी। उन्होंने इसे एक विकृत मानसिकता की उपज बताते हुए कहा कि भाजपा इस मानसिकता के खिलाफ हर मंच पर मजबूती से लड़ेगी। भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने सपा पर पहले भी शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी, तब भी उसने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया था। आज उसी राजनीति को नन्हें बच्चों की शिक्षा के माध्यम से फिर से दोहराया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने यह भी कहा कि सपा की सोच अब भी परिवारवाद से आगे नहीं बढ़ पाई है। अगर पार्टी को सच में बच्चों की शिक्षा और भविष्य की चिंता होती, तो वह पाठ्यक्रम में महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों, वैज्ञानिकों और प्रेरणास्पद राष्ट्रीय व्यक्तित्वों की बातें शामिल करती, न कि अपने ही नेताओं के नाम पर पाठ पढ़ाती। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर झूठ फैलाने और जनता को भ्रमित करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि इस तरह के प्रयास बच्चों के दिमाग में एकतरफा राजनीतिक सोच थोपने की निंदनीय कोशिश है, जो किसी भी स्वस्थ और तटस्थ शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ है।

भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने आगे कहा कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जो उन्हें निष्पक्ष सोच, विवेक और तार्किकता की ओर ले जाए। किसी भी राजनीतिक विचारधारा को शिक्षा के माध्यम से थोपना लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ अन्याय है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के पूर्व शासन की भी आलोचना करते हुए कहा कि उस समय प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था जर्जर हो चुकी थी। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी थी, भवन खस्ताहाल थे और नकल माफिया का बोलबाला था, जिससे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया था।

इसके विपरीत, उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में आए सकारात्मक परिवर्तनों को रेखांकित किया। उन्होंने दावा किया कि बीते वर्षों में उत्तर प्रदेश में शिक्षा का स्तर अभूतपूर्व रूप से सुधरा है। स्कूलों में नई भर्तियां, इन्फ्रास्ट्रक्चर का सुधार, डिजिटल माध्यमों का उपयोग और नकल पर सख्ती जैसे कदमों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिली है। उन्होंने दोहराया कि भाजपा बच्चों की शिक्षा को राजनीतिक स्वार्थों से बचाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी और सपा जैसी पार्टियों की ऐसी कोशिशों को कभी सफल नहीं होने देगी।

इस विवाद के बीच राज्य की राजनीति में शिक्षा को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है, जिसमें यह सवाल प्रमुखता से उठ रहा है कि क्या बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को राजनीति से दूर रखा जा सकता है या नहीं। फिलहाल भाजपा इस मुद्दे पर सख्त रुख अख्तियार किए हुए है और आने वाले दिनों में यह विषय और भी अधिक राजनीतिक गर्मी ला सकता है।

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