Sat, 06 Sep 2025 11:23:21 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
चंदौली: मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के कटेसर गांव में गुरुवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। घरेलू विवाद से परेशान होकर 32 वर्षीय सूरज वर्मा ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया और परिवार के बीच कोहराम मच गया।
मृतक सूरज वर्मा मूल रूप से वाराणसी के चौक क्षेत्र के पियरी मोहल्ले का निवासी था। करीब आठ महीने पूर्व ही उसके पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद उसने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई। रोज़गार के लिए सूरज ने वाराणसी के बांसफाटक क्षेत्र में एक छोटी सी चाय-पान की दुकान शुरू की और यहीं से पत्नी पूजा व दो बच्चों, एक बेटे और एक बेटी का भरण-पोषण करता था। परिवार की जिम्मेदारियों के बीच भी उसके वैवाहिक जीवन में अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती थी।
ग्रामीणों और परिजनों के अनुसार, सूरज और पूजा का विवाह दस वर्ष पहले प्रेम विवाह के रूप में हुआ था। विवाह के शुरुआती दिनों में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन समय बीतने के साथ दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर तकरार बढ़ती चली गई। परिवार के सदस्यों का कहना है कि आए दिन होने वाले झगड़ों ने सूरज को मानसिक रूप से काफी कमजोर कर दिया था।
बीते दिनों पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि पूजा अपने दोनों बच्चों को लेकर मायके चली गई। पत्नी और बच्चों के अलग हो जाने से सूरज टूट गया और गहरे तनाव में रहने लगा। बताया जा रहा है कि इसी मानसिक दबाव के कारण उसने गुरुवार की रात अपने कटेसर स्थित किराए के मकान में फांसी लगाकर जान दे दी।
शुक्रवार सुबह जब लोगों को घटना की जानकारी हुई तो पूरे गांव में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिवारजनों में कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चे भी रो-रोकर बेसुध हो गए।
इस बाबत जब हमारी टीम ने मनोचिकित्सक डॉ. संजय मिश्रा से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि घरेलू विवाद और तनाव से जूझ रहे लोगों को परिवार के साथ संवाद बनाए रखना चाहिए और जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग लेनी चाहिए। डॉ. मिश्रा ने कहा, "अक्सर लोग मानसिक दबाव को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर परिस्थितियां पैदा करता है। ऐसी स्थिति में परिवार के अन्य सदस्यों को भी संवेदनशील रहकर समय रहते सहयोग देना चाहिए ताकि आत्महत्या जैसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।"
इस घटना ने एक बार फिर समाज के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि घरेलू विवाद और तनाव की परिस्थितियों में परिवारों को कैसे संभाला जाए। छोटी-छोटी बातों पर बढ़ते मतभेद कई बार पूरे परिवार को बिखेर देते हैं और असमय जान देने जैसी दुखद घटनाओं का कारण बन जाते हैं।
कटेसर गांव के लोग इस घटना से अब भी सदमे में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सूरज मेहनती और शांत स्वभाव का व्यक्ति था, जिसने मुश्किल हालात में भी कभी हार नहीं मानी। लेकिन पारिवारिक विवाद ने उसकी जिंदगी छीन ली। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और परिजनों के बयान दर्ज कर रही है।