Wed, 16 Jul 2025 09:35:46 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
चंदौली: कानून व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने और पुलिस व्यवस्था में कार्यकुशलता लाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने मंगलवार को व्यापक स्तर पर थानों और चौकियों में तैनात अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया है। यह निर्णय प्रशासनिक मजबूती, सुशासन और अपराध नियंत्रण की दिशा में एक ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस फेरबदल में थाना प्रभारियों से लेकर चौकी प्रभारियों और उपनिरीक्षकों तक को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिससे जिले की पुलिस व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार हो सके।
फेरबदल के तहत कंदवा थाना प्रभारी को चकरघट्टा स्थानांतरित किया गया है, जबकि सकलडीहा थाना प्रभारी हरिनारायण पटेल को अब शहाबगंज थाने की कमान सौंपी गई है। उपनिरीक्षक प्रियंका सिंह को पुलिस लाइन से स्थानांतरित कर थाना कंदवा भेजा गया है। अर्जुन सिंह, जो पहले शहाबगंज थाने में कार्यरत थे, अब चकिया थाने की जिम्मेदारी संभालेंगे, वहीं अतुल कुमार को चकिया से सकलडीहा थाने भेजा गया है।
इसके अतिरिक्त निरीक्षक विजय बहादुर सिंह को प्रभारी निरीक्षक साइबर से स्थानांतरित कर प्रभारी मीडिया सेल बनाया गया है। उपनिरीक्षक तरुण कश्यप को चौकी प्रभारी दुलहीपुर से हटाकर चंद्रप्रभा नौगढ़ की चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसी क्रम में धर्मदेव सिंह को सकलडीहा से दुलहीपुर चौकी प्रभारी बनाया गया है, जबकि अमित कुमार सिंह को चंद्रप्रभा से स्थानांतरित कर मारूफपुर चौकी की जिम्मेदारी दी गई है।
सुभाष गौतम को पुलिस लाइन से निकाल कर औद्योगिक नगर की चौकी का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, सतीश सिंह को औद्योगिक नगर से स्थानांतरित कर रामपुर चकिया भेजा गया है। संतोष तिवारी, जो पहले नवही चौकी प्रभारी थे, अब सकलडीहा थाने में कार्य करेंगे, जबकि संजय ओझा को मुगलसराय थाने से स्थानांतरित कर नवगाघाट (धानापुर) की चौकी का प्रभार सौंपा गया है। तरुण पांडेय को मारूफपुर से नवही चौकी भेजा गया है, और ओमप्रकाश सिंह को पुलिस लाइन से स्थानांतरित कर न्यायालय में तैनात किया गया है।
एसपी आदित्य लांग्हे द्वारा किया गया यह बदलाव न सिर्फ पुलिस महकमे की आंतरिक कार्यप्रणाली को और पारदर्शी व परिणामोन्मुख बनाने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे जनता को बेहतर और त्वरित पुलिस सेवा उपलब्ध कराने का भी उद्देश्य स्पष्ट होता है। जनपद स्तर पर इस प्रशासनिक निर्णय को पुलिस विभाग के भीतर अनुशासन सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय अपराध नियंत्रण में गति लाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।