वाराणसी: छितौना कांड में घायल छोटू राजभर की मौत, गांव में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात

वाराणसी के छितौना में तीन माह पुराने विवाद में घायल छोटू राजभर का निधन, गांव में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

Fri, 03 Oct 2025 11:46:30 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में ठाकुर और राजभर बिरादरी के बीच तीन महीने पहले शुरू हुआ विवाद शुक्रवार को नया मोड़ ले गया। खेत में गाय घुसने से उपजे झगड़े में गंभीर रूप से घायल हुए छोटू राजभर का इलाज बीएचयू में चल रहा था। शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि छोटू की मौत गहरे घाव में हुए संक्रमण की वजह से हुई है। छोटू की मौत की खबर से गांव में कोहराम मच गया और पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। एहतियात के तौर पर छितौना गांव और बीएचयू अस्पताल परिसर के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। साथ ही प्रशासन के आला अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

तीन महीने पुरानी रंजिश में जान गई छोटू की
घटना की शुरुआत 5 जुलाई 2025 को हुई थी, जब गांव निवासी संजय सिंह के खेत में एक गाय घुस गई। गाय को भगाने पर वह राजभर बिरादरी के खेत में चली गई और फसल चरने लगी। इसे लेकर दोनों पक्षों में तकरार बढ़ी और देखते ही देखते मारपीट तक नौबत आ गई। आरोप है कि दोनों ओर से लाठी-डंडे चले और धारदार हथियारों का इस्तेमाल भी हुआ। इस झगड़े में छोटू राजभर गंभीर रूप से घायल हो गया था। बाद में उसे बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां लंबे इलाज के बावजूद वह जीवन की जंग हार गया।

राजनीतिक रंग में लिपटा विवाद
यह विवाद उस समय और गरमा गया था जब रोजगार एवं श्रम मंत्री अनिल राजभर घायलों से मिलने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उनके हस्तक्षेप के बाद राजभर पक्ष की एफआईआर दर्ज कर ली गई, जबकि ठाकुर बिरादरी का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इसी से बवाल और बढ़ गया। ठाकुर बिरादरी के पक्ष में करणी सेना और भाजपा के कई क्षत्रिय नेता खुलकर सामने आ गए। करणी सेना जिलाध्यक्ष आलोक सिंह और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का दबाव बनाया गया है और सरकार के दबाव में ठाकुर पक्ष को न्याय नहीं मिल रहा।

SIT जांच और पुलिस कार्रवाई
मामले ने जब राजनीतिक तूल पकड़ा तो काबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर लखनऊ में डीजीपी से मिले। डीजीपी के आदेश पर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। इस बीच लापरवाही बरतने के आरोप में चौबेपुर थाना प्रभारी रविकांत मलिक को लाइन हाजिर कर दिया गया। बाद में ठाकुर पक्ष की शिकायत पर पुलिस ने दिग्पाल सिंह की तहरीर पर राजभर बिरादरी के सात लोगों, भोला राजभर, राम गुलाम राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेंद्र राजभर, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

गांव में तनाव, पुलिस चौकसी बढ़ी
छोटू राजभर की मौत की खबर फैलते ही छितौना और आसपास के गांवों में तनाव बढ़ गया है। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए छितौना गांव, चौबेपुर और अस्पताल क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल मौजूद है।

यह विवाद अब सिर्फ आपसी रंजिश नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे जातीय और राजनीतिक टकराव का रूप ले चुका है। छोटू राजभर की मौत ने इस मामले को और संवेदनशील बना दिया है। प्रशासन और पुलिस अब इस प्रकरण में आगे की कार्रवाई को लेकर गंभीरता से जुट गई है, ताकि माहौल में फिर से शांति बहाल की जा सके।

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