Thu, 28 Aug 2025 11:33:47 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपने दो दिवसीय प्रवास पर काशी पहुंचेंगे। उनके इस दौरे का उद्देश्य जहां एक ओर बाढ़ प्रभावित इलाकों का जमीनी निरीक्षण करना है, वहीं दूसरी ओर आने वाले दिनों में काशी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के उच्चस्तरीय आयोजन की तैयारियों का भी जायजा लेना है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को काशी में रात्रि विश्राम करेंगे और शनिवार को प्रातः यहां से प्रस्थान करेंगे।
मुख्यमंत्री का यह दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से वाराणसी और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश और गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से वहां जाकर हालात का जायजा लेंगे और राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे। प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि मुख्यमंत्री के आगमन से पहले प्रभावित इलाकों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार रखी जाए।
इसके साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 10 और 11 सितंबर को मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम वाराणसी के दौरे पर आ रहे हैं। उनका यह दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री विशेष विमान से लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरेंगे। वहां से वह सीधे श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। इसके बाद उनके सारनाथ भ्रमण का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है।
हालांकि मॉरीशस प्रधानमंत्री का विस्तृत कार्यक्रम अभी तक प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन शीर्ष स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। मंडलायुक्त एस. राजलिंगम स्वयं एयरपोर्ट से लेकर होटल ताज तक का निरीक्षण कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री रामगुलाम का ठहराव होटल ताज में ही होगा। इसी होटल में भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी आयोजित की जाएगी। इस बैठक को लेकर सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल को उच्च मानकों पर सुनिश्चित किया जा रहा है।
जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। विदेशी अतिथि के सम्मान और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। माना जा रहा है कि यह दौरा न केवल भारत और मॉरीशस के संबंधों को और मजबूती देगा, बल्कि काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को भी वैश्विक मंच पर उजागर करेगा।