वाराणसी: दालमंडी में व्यापारियों के उत्पीड़न पर कांग्रेस ने DM को सौंपा ज्ञापन, रोक की मांग

वाराणसी में दालमंडी की कार्रवाई से नाराज कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने DM को ज्ञापन सौंपकर व्यापारियों का उत्पीड़न रोकने और ध्वस्तीकरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

Thu, 13 Nov 2025 11:08:25 - By : Shriti Chatterjee

वाराणसी के दालमंडी क्षेत्र में चल रही कार्रवाई को लेकर व्यापारियों में बढ़ती नाराजगी के बीच कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को जिलाधिकारी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने दालमंडी में हो रही ध्वस्तीकरण की गतिविधियों, जबरन अधिग्रहण और व्यापारियों के उत्पीड़न के आरोपों पर गंभीर चिंता जताई। कांग्रेस नेताओं ने जिलाधिकारी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जिसमें व्यापारियों द्वारा झेली जा रही परेशानियों का उल्लेख किया गया था और प्रशासनिक कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने किया। उनके साथ दालमंडी के कई व्यापारी भी मौजूद थे जिन्होंने अपनी समस्याएं जिलाधिकारी के सामने रखीं। व्यापारियों का कहना है कि बिना उचित नोटिस, बिना वैकल्पिक व्यवस्था और बिना किसी ठोस कारण के प्रशासन द्वारा बार बार कार्रवाई की जा रही है जिससे हजारों परिवारों की आजीविका संकट में है। दुकानों के बाहर तोड़फोड़, नोटिस की धमकी और अचानक अधिग्रहण की कोशिशों ने पूरे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दालमंडी केवल एक बाजार नहीं है बल्कि काशी की आर्थिक जीवन रेखा है। राघवेंद्र चौबे का कहना था कि यह बाजार पीढ़ियों से शहर की व्यापारिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा रहा है और इसे खंडित करने की कोई भी कोशिश पूरे शहर की आर्थिक आत्मा को नुकसान पहुंचाती है। उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार विकास के नाम पर छोटे और मध्यम व्यापार को कमजोर कर रही है और यह प्रक्रिया जनता के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जो सरकार रोजगार देने का दावा करती थी, वही आज व्यापारियों का रोजगार छीनने में लगी है।

व्यापारियों ने जिलाधिकारी के सामने यह भी कहा कि प्रशासनिक दबाव के चलते परिवारों में भय का माहौल है और बच्चों की पढ़ाई तक प्रभावित हो रही है। उनके अनुसार यह मुद्दा सिर्फ संपत्ति या दुकानों का नहीं बल्कि पूरे समाज की स्थिरता और जीविका से जुड़ा है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह इस अन्याय के खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी और यदि दमन जारी रहा तो सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल की सभी बातों को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि भू स्वामियों और व्यापारियों के साथ मिलकर समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि पांच दिनों के भीतर एक संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी जिसमें भू स्वामियों, व्यापारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सभी पक्षों की राय सुनकर ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन किसी भी व्यापारी के साथ अन्याय नहीं होने देगा और कार्रवाई न्यायपूर्ण तरीके से होगी।

प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन के सामने पांच मांगें रखीं जिनमें दालमंडी क्षेत्र में सभी तरह की कार्रवाई पर तत्काल रोक, प्रभावित व्यापारियों को वैकल्पिक स्थान या उचित मुआवजा, भू स्वामियों के साथ पारदर्शी बैठकें, पुलिस और प्रशासन द्वारा कथित उत्पीड़न की जांच और व्यापारी हितों की रक्षा के लिए एक स्थायी निगरानी समिति का गठन शामिल है। कांग्रेस का कहना है कि राज्य नेतृत्व को इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी और जरूरत पड़ने पर राज्यव्यापी विरोध आंदोलन भी शुरू किया जा सकता है। प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और बड़ी संख्या में व्यापारी तथा कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आयुष्मान भारत फर्जी कार्ड, अस्पतालों पर होगी सख्त कार्रवाई, पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे

विश्व मधुमेह दिवस: भारत में बढ़ रही डायबिटीज महामारी, विशेषज्ञ बोले- डरें नहीं, नियंत्रित करें

लखनऊ में जनजाति भागीदारी उत्सव शुरू, सीएम योगी ने जनजातीय समाज का किया सम्मान

वाराणसी: रामनगर में गंगा स्नान करने गए दो किशोर डूबे, आधे घंटे बाद शव मिले

कानपुर में दवा गोदामों पर छापेमारी, कोडीन युक्त सीरप और नशीली दवाओं का अवैध भंडार मिला