Fri, 21 Nov 2025 21:26:40 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: जंसा, राजातालाब, रोहनिया और सेवापुरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था इन दिनों अपने सबसे जर्जर रूप में दिखाई दे रही है। विद्युत विभाग की उपेक्षा और बदहाल ढांचा ऐसी स्थिति उत्पन्न कर रहा है, जो किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने जैसा है। क्षेत्र के कई गांवों में पुराने, जंग खाए और सड़े-गले लोहे के पोलों के सहारे 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइनें टिकी हुई हैं। ग्रामीण लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन विभागीय उदासीनता ने उनकी चिंताओं को और गहरा कर दिया है।
सबसे चिंताजनक स्थिति देईपुर गांव के खेल मैदान में दिखाई देती है, जहां दीनदासपुर विद्युत उपकेंद्र से आने वाली एचटी लाइन का पोल पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। पोल का निचला हिस्सा सड़कर खोखला हो गया है और लोहे की प्लेटें तक जंग खाते हुए टूटने की कगार पर हैं। बारिश और नमी के कारण पोल का संतुलन लगातार बिगड़ता जा रहा है, जिससे कभी भी धराशायी होने की आशंका बनी हुई है। खेल मैदान के ठीक बीच से गुजर रही यह हाईटेंशन लाइन बच्चों, खिलाड़ियों और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से इन पोलों की देखरेख नहीं हुई। न निरीक्षण किया गया और न ही विभाग की ओर से किसी कर्मचारी ने स्थिति का आकलन किया। इसी उपेक्षा के चलते लोहे के पोल झुक गए हैं जबकि सीमेंट पोलों की जड़ें तक हिल चुकी हैं। इनसे जुड़े तार भी कई जगह खुले, ढीले और खतरनाक स्थिति में लटकते नजर आ रहे हैं।
समाजसेवी एवं बड़ौरा बाजार निवासी ऋषि दूबे बताते हैं कि उन्होंने कई बार विद्युत विभाग से शिकायत की, लेकिन हर बार आश्वासन मिला और कार्रवाई शून्य रही। उनका कहना है कि “लगातार शिकायतों के बावजूद विभाग में बैठे जिम्मेदारों ने कभी मौके की गंभीरता नहीं समझी। परिणाम यह है कि आज गांव के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं।”
वहीं स्थानीय निवासी रिंकू ने बताया कि पोल लगाए जाने के बाद से आज तक किसी तरह की मरम्मत या निरीक्षण नहीं हुआ। उनका कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी मौके पर आते ही नहीं, ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि यह पोल कब गिर जाए और किसे नुकसान पहुंचा दे।
इसी तरह अनिल ने बताया कि क्षेत्र में जर्जर पोलों की समस्या वर्षों से बनी हुई है। कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद न तो कोई जवाब मिला और न ही कोई कदम उठाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते इन पोलों को बदला नहीं गया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है जिसकी जिम्मेदारी केवल विभाग पर होगी।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खेल मैदान में दिनभर बच्चों की आवाजाही रहती है। क्रिकेट, कबड्डी और अन्य खेलों के दौरान बच्चे सीधे इसी क्षेत्र में जाते हैं। ऐसे में जर्जर विद्युत पोल और लटकती हाईटेंशन लाइनें किसी भी क्षण जानलेवा साबित हो सकती हैं।
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि आधुनिक मानकों के अनुसार तत्काल नए पोल लगाए जाएं और पूरी लाइन को सुरक्षित पुनर्स्थापित किया जाए। विभाग की शिथिलता और अनदेखी पर लोगों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
वर्तमान स्थिति यह स्पष्ट करती है कि बिजली विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। जबकि नियम और सुरक्षा प्रावधानों के अनुसार ऐसी जर्जर लाइनों और पोलों को तत्काल बदला जाना चाहिए था।
अब ग्रामीणों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि विभाग उनकी चिंताओं को कब सुनता है और कब इस गंभीर समस्या पर ठोस कदम उठाता है। फिलहाल पूरे क्षेत्र में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
हमारे संवाददाता विकास श्रीवास्तव की रिपोर्ट।