वाराणसी: डीएवी कॉलेज ने गुटखा थूकने से रोकने के लिए दीवार पर लगाई मां सरस्वती की तस्वीर

वाराणसी के डीएवी पीजी कॉलेज ने थूकने की समस्या से निपटने के लिए दीवारों पर मां सरस्वती की तस्वीर लगाई, जिसका सकारात्मक असर दिख रहा है।

Sat, 11 Oct 2025 21:02:18 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: स्वच्छता को लेकर डीएवी पीजी कॉलेज प्रशासन ने एक सराहनीय और प्रेरणादायक पहल की है। कॉलेज की सीढ़ियों की दीवार पर गुटखा और तंबाकू खाकर थूकने की बढ़ती समस्या से परेशान प्रशासन ने इसका समाधान बेहद अनोखे तरीके से निकाला है। कॉलेज की दीवार को न केवल दोबारा पेंट कराया गया, बल्कि उस पर मां सरस्वती की तस्वीर भी लगाई गई, ताकि लोगों में श्रद्धा का भाव जागे और वे गंदगी फैलाने से परहेज करें।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रेमचंद्र यादव ने बताया कि परिसर में स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले कॉलेज की सीढ़ियों और दीवारों पर लोग गुटखा खाकर थूक देते थे, जिससे न सिर्फ जगह गंदी हो रही थी बल्कि माहौल भी अस्वच्छ हो गया था। कई बार चेतावनी और सफाई के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा था। ऐसे में प्रशासन ने सोचा कि यदि दीवार पर धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक लगाए जाएं तो लोगों में स्वतः ही रोक लग जाएगी।

प्राचार्य ने बताया कि मां सरस्वती की तस्वीर लगाने के बाद इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है। अब पहले की तुलना में दीवारें काफी साफ-सुथरी नजर आ रही हैं। लोग न सिर्फ थूकने से बच रहे हैं, बल्कि अन्य को भी ऐसा न करने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। जब व्यक्ति में आस्था और संवेदना का भाव जागता है, तो वह स्वाभाविक रूप से अनुशासन का पालन करता है।

कॉलेज प्रशासन ने इस दिशा में और सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। प्राचार्य ने बताया कि गुटखा या तंबाकू का सेवन परिसर में पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। किसी भी शिक्षक, कर्मचारी या छात्र को गुटखा खाते या दीवार पर थूकते पाया गया तो पहले चेतावनी दी जाएगी, इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निगरानी के लिए एक कर्मचारी को विशेष रूप से नियुक्त किया गया है, जो रोजाना परिसर की सफाई व्यवस्था और अनुशासन की जांच करेगा।

प्रो. यादव ने आगे बताया कि सीढ़ियों की ऊंचाई और दीवार के स्तर को भी पुनः निर्धारित किया जा रहा है ताकि कोई व्यक्ति बहाने से थूक न सके। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं है, बल्कि कॉलेज को स्वच्छ, सुंदर और आदर्श वातावरण में बदलना है। मां सरस्वती की उपस्थिति से छात्रों में न केवल नैतिकता की भावना बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा स्थल के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा।”

डीएवी पीजी कॉलेज की यह पहल अब चर्चा का विषय बन गई है। कई अन्य शिक्षण संस्थान भी इस कदम को अनुकरणीय मान रहे हैं और इसे अपने यहां लागू करने पर विचार कर रहे हैं। वाराणसी जैसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शहर में इस तरह का प्रयास निश्चित रूप से स्वच्छता और संस्कारों के संगम की मिसाल पेश कर रहा है।

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