Sat, 19 Jul 2025 14:30:17 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली/रांची: देश की राजधानी दिल्ली में सक्रिय कुख्यात ‘ठक-ठक गैंग’ के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे आम नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निशाना बनाने से नहीं हिचक रहे। हाल ही में एक सनसनीखेज घटना में झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी, जो वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं, को इस गिरोह ने दिल्ली के बुराड़ी फ्लाईओवर पर सरेआम लूट लिया।
घटना उस समय हुई जब अधिकारी निजी कार से अपने ड्राइवर के साथ कहीं जा रहे थे। कार सादे कपड़ों में बैठे अधिकारी के वाहन को एक मोटरसाइकिल सवार ने इशारे से रुकवाया और बताया कि उनकी गाड़ी से तेल लीक हो रहा है। संदेहास्पद परिस्थिति में जब अधिकारी कार से बाहर निकले तो मौके पर एक और मोटरसाइकिल पर दो युवक पहुंचे। उनमें से एक ने कार का दरवाजा खोलकर झटके में अधिकारी का बैग छीन लिया, जिसमें 95 हजार रुपये नकद और एक लैपटॉप मौजूद था। जब अधिकारी ने विरोध करने की कोशिश की तो उन्हें धक्का दे दिया गया जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं।
घटना के बाद लुटेरे वहां से फरार हो गए लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि करीब दस मिनट बाद लुटेरे दोबारा उसी स्थान पर लौटे और डिवाइडर के पास अधिकारी का बैग रखकर भाग गए। हालांकि बैग से नकदी गायब थी और सिर्फ लैपटॉप वापस मिला। इस दुस्साहसिक वारदात के बाद अधिकारी ने पास के एक निजी अस्पताल में जाकर प्राथमिक इलाज कराया और अगले दिन थाने में घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और गिरोह के सदस्यों की पहचान व गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि पीड़ित अधिकारी झारखंड राज्य में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दे चुके हैं और दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मामलों की जांच कर रहे हैं। घटना के वक्त वे वर्दी में नहीं थे, जिससे संभवतः लुटेरों को उनकी पहचान का अंदाजा नहीं रहा।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ठक-ठक गैंग राजधानी के भीतर विशेष रूप से व्यस्त मार्गों, फ्लाईओवर्स, और ट्रैफिक जाम वाली जगहों पर सक्रिय रहता है। इस गैंग का काम करने का तरीका काफी शातिराना है। ये लोग पहले किसी बहाने से वाहन चालकों का ध्यान भटकाते हैं—कभी सड़क पर रुपये फेंककर, कभी कार में किसी खराबी की बात कहकर, तो कभी जानबूझकर वाहन से टकराकर। जैसे ही वाहन चालक बाहर निकलता है, उनके सहयोगी पीछे से कार का दरवाजा खोलकर कीमती सामान ले उड़ते हैं।
इस मामले में भी गैंग ने वही पुराना फॉर्मूला अपनाया—‘ध्यान भटकाओ और सामान चुराओ’। राजधानी में इस तरह की बढ़ती घटनाएं पुलिस की कार्यप्रणाली और सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। खासतौर से तब, जब अपराधियों का नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि वे देश की शीर्ष जांच एजेंसी के अधिकारी को भी अपनी लूट का शिकार बनाने में नहीं हिचकते।
गौरतलब है कि ‘ठक-ठक गैंग’ के खिलाफ दिल्ली पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती रही है, लेकिन ये गैंग अक्सर पुलिस गिरफ्त से बाहर निकलने में सफल हो जाते हैं क्योंकि इनके सदस्य दिल्ली और आसपास के इलाकों में लगातार ठिकाने बदलते रहते हैं। गैंग के कुछ सदस्य पहले भी पकड़े जा चुके हैं, परंतु यह मामला दिखाता है कि इनकी गतिविधियां अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई हैं।
पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले की जांच में तेजी लाई जा रही है और तकनीकी निगरानी, सीसीटीवी फुटेज और खुफिया जानकारी के आधार पर जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी को दिनदहाड़े निशाना बनाया जाना न केवल एक चिंताजनक घटना है, बल्कि यह राजधानी में कानून व्यवस्था की गंभीर चुनौती को भी उजागर करता है।