Wed, 16 Jul 2025 10:10:00 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी/मऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी और घोसी से पूर्व सांसद अतुल राय की 4.18 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर बड़ी कार्रवाई की है। जब्त की गई संपत्ति में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का एक फ्लैट, वाराणसी में तीन प्लॉट और गाजीपुर जिले की दो कृषि भूमि शामिल हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है और इसमें अतुल राय के अलावा उनके सहयोगी जितेंद्र सापरा की कंपनी मेसर्स स्पेक्ट्रम इंफ्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है।
ईडी की जांच में सामने आया है कि मुख्तार अंसारी और अतुल राय के बीच आपराधिक गठजोड़ रहा है। इस नेटवर्क में जितेंद्र सापरा की अहम भूमिका पाई गई, जो अंसारी का नजदीकी बताया जा रहा है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए ईडी ने मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए।
ईडी के अनुसार, मुख्तार अंसारी के परिवार की कंपनी मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन ने मऊ के रैनी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर गोदाम बनाया और उसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को किराए पर दे दिया। इससे कंपनी को करीब 15.31 करोड़ रुपये का किराया मिला। इसके अलावा, गोदाम निर्माण के लिए नाबार्ड से 2.25 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त की गई। यह रकम सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर प्राप्त की गई थी। ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि इस कंपनी ने अपने पुराने साझेदारों से करीब 3.10 करोड़ रुपये की धनराशि भी धोखाधड़ी से हथिया ली थी।
मनी ट्रेल की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मुख्तार अंसारी के साले आतिफ रजा ने एफसीआई से माल ढुलाई और संचालन शुल्क के रूप में 7.05 करोड़ रुपये हासिल किए थे। इस तरह, पूरे नेटवर्क के माध्यम से लगभग 27.72 करोड़ रुपये का अवैध लाभ उठाया गया। ये रकम बाद में अलग-अलग कंपनियों और खातों में घुमाकर संपत्तियां खरीदी गईं। विकास कंस्ट्रक्शन द्वारा प्राप्त की गई राशि में से 8.49 करोड़ रुपये मुख्तार अंसारी के ससुर की कंपनी आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स इनिजियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों में भेजे गए। ये दोनों कंपनियां अंसारी परिवार के नियंत्रण में थीं।
ईडी ने यह भी पाया कि इन कंपनियों से पैसा निकाला गया और अतुल राय की कंपनियों मेसर्स कुसुम विजन इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स स्पेक्ट्रम इंफ्रा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कुसुम कंस्ट्रक्शंस एंड टेलीकॉम सर्विसेज के बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। इससे साफ हुआ कि आपराधिक धन को वैध कारोबार की शक्ल देकर निवेश किया गया था। वहीं, जितेंद्र सापरा और उनके परिवार के खातों में भी इन कंपनियों से एक करोड़ रुपये भेजे गए, जिनका उपयोग जब्त की गई संपत्तियों की खरीद में किया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक कुल 6.40 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया है और मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक ईडी की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और जिन-जिन लोगों की संलिप्तता इस अवैध आर्थिक तंत्र में पाई जाएगी, उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला सिर्फ एक आर्थिक घोटाले का नहीं, बल्कि राजनीति, अपराध और भ्रष्टाचार के गठजोड़ की एक गंभीर तस्वीर को सामने लाता है, जहां सत्ता, प्रभाव और माफिया नेटवर्क के जरिए सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित की गई। जांच एजेंसियां अब इस पूरी चेन को तोड़ने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सतत कार्रवाई कर रही हैं।