Fri, 25 Jul 2025 12:40:52 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
अयोध्या: एक दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना ने रामनगरी अयोध्या की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है। कोतवाली क्षेत्र के किशन दासपुर में बुधवार की रात एक बुजुर्ग महिला को उसके ही परिजन ई-रिक्शा से लाकर सड़क किनारे फेंक कर चले गए। लावारिस हालत में पड़ी इस महिला को बृहस्पतिवार सुबह पुलिस ने गंभीर स्थिति में पाया और तत्काल उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसी दिन शाम को महिला ने दम तोड़ दिया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसने इस अमानवीय कृत्य की पुष्टि कर दी है।
पुलिस को गुरुवार सुबह करीब 9:30 बजे डायल 112 के माध्यम से सूचना मिली कि एक बुजुर्ग महिला किशनदासपुर क्षेत्र में सड़क किनारे बेसुध अवस्था में पड़ी है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने बिना देरी किए महिला को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, लेकिन उनकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि जीवन की डोर शाम तक टूट गई। मौत की पुष्टि के बाद प्रशासन ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और इस पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी।
एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर एक महत्वपूर्ण वीडियो सामने आया है जिसमें एक ई-रिक्शा से उतारे जाते समय बुजुर्ग महिला दिखाई दे रही हैं। फुटेज में एक पुरुष और दो महिलाएं भी नजर आ रहे हैं, जो संभवतः उस वृद्धा को लाकर छोड़ने वाले लोग हैं। पुलिस ने वीडियो को आधार बनाते हुए इन तीनों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि बुजुर्ग महिला को जानबूझकर रात के अंधेरे में ऐसी जगह पर छोड़ा गया, जहां उनकी देखरेख का कोई इंतजाम नहीं था। सवाल उठ रहे हैं कि महिला को किस वजह से उनके ही परिजन ने इस हाल में सड़क पर छोड़ दिया? क्या यह उपेक्षा का मामला था या किसी पारिवारिक विवाद की परिणति? इन तमाम सवालों के जवाब पुलिस के लिए जांच की दिशा तय करेंगे। वहीं, महिला की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, जिससे उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी एक रहस्य बनी हुई है।
पुलिस की एक टीम सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे ई-रिक्शा चालक और साथ में मौजूद लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न थानों और आसपास के क्षेत्रों में लगे कैमरों की फुटेज की पड़ताल कर रही है। साथ ही, स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि महिला कौन थी और किन परिस्थितियों में उसे इतनी क्रूरता से उसके अपनों द्वारा त्यागा गया।
एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि दोषी व्यक्तियों की पहचान होने के बाद उनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं और इसमें संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदना पर एक गंभीर प्रहार है, जहां बुजुर्गों की उपेक्षा और अमानवीयता की पराकाष्ठा देखने को मिलती है। अयोध्या जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी में इस प्रकार की घटना ने आम जनमानस को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या रिश्तों का मोल इतना गिर चुका है कि वृद्धजनों को सड़क पर फेंक देना भी अब एक विकल्प बनता जा रहा है।