वाराणसी में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार, तटवर्ती इलाकों में दहशत फैली

वाराणसी में गंगा का जलस्तर तीसरी बार चेतावनी बिंदु पार कर गया, जिससे तटवर्ती इलाकों में दहशत है और लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।

Mon, 08 Sep 2025 11:24:46 - By : Garima Mishra

वाराणसी: वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इस सीजन में तीसरी बार चेतावनी बिंदु को पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 36 घंटे में गंगा का जलस्तर 1.03 मीटर तक बढ़ गया। रविवार रात तक जलस्तर 69.93 मीटर दर्ज किया गया था, जो चेतावनी बिंदु से केवल 33 सेंटीमीटर दूर था। सोमवार तक गंगा ने 70.26 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर लिया, जिससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं।

गंगा के जलस्तर में अचानक हुई बढ़ोतरी से वरुणा नदी में पलट प्रवाह शुरू हो गया है। इसके चलते पुल कोहना से नक्खी घाट तक कई घर पानी से घिर गए और लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा। आंकड़ों के अनुसार खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है, जबकि 2019 में गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर तक पहुंच गया था। वर्ष 2021 और 2022 में भी अगस्त और सितंबर के दौरान कई बार पानी चढ़ने और उतरने की स्थिति बनी रही थी।

रविवार शाम तक गंगा का पानी कई घाटों की सीढ़ियों पर लगभग चार फीट तक चढ़ गया था। इसी के साथ वरुणा नदी भी उफान पर है और बाढ़ का पानी वरुणा कॉरिडोर तक पहुंच चुका है। जुलाई से सितंबर का समय हर साल वाराणसी के तटवर्ती इलाकों के लिए बाढ़ का खतरा लेकर आता है। इस बार भी नक्खी घाट, तालिमनगर, हिदायत नगर, पुल कोहना, तिनपुलिया, सक्कर तालाब, बघवानाला और मौजाहाल जैसे क्षेत्रों में पानी घुसने के हालात बन गए हैं।

स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। हिदायत नगर की अनीता देवी ने कहा कि सुबह से ही वरुणा का पानी तेजी से बढ़ रहा है और घर के बाहर पानी भरने का खतरा बना हुआ है। नक्खी घाट निवासी रामकुमार ने बताया कि हर साल लोग सोचते हैं कि पानी जल्दी उतर जाएगा लेकिन ऐसा नहीं होता। इससे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। जलस्तर में तेज बढ़ोतरी का असर अंतिम संस्कार पर भी पड़ा है। मणिकर्णिका घाट पूरी तरह डूब गया है और वहां केवल छत पर ही अंतिम संस्कार हो पा रहा है। रविवार को छत पर एक साथ 12 चिताएं जलाई गईं। हरिश्चंद्र घाट पर भी शवदाह करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है क्योंकि जगह की कमी हो गई है।

स्थिति और गंभीर हो गई है क्योंकि यमुना नदी भी उफान पर है। यमुना के प्रयागराज में गंगा से मिलने के कारण उसका असर वाराणसी तक देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में भी गंगा का जलस्तर और बढ़ सकता है।

फिलहाल शहर में अलर्ट जारी है। तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। प्रशासन हालात पर लगातार नजर रखे हुए है, लेकिन जिन परिवारों के घर पानी में घिर चुके हैं, उनके लिए मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं।

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