वाराणसी में गंगा का जलस्तर धीमी गति से घट रहा, त्योहारों पर बढ़ेगी चिंता

वाराणसी में गंगा का जलस्तर धीमी गति से घटने के कारण अस्सी समेत कई घाट अभी भी डूबे हैं, जिससे आगामी छठ जैसे त्योहारों पर श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

Tue, 23 Sep 2025 11:26:17 - By : Shriti Chatterjee

वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार बेहद धीमी है। सोमवार सुबह केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर 66.44 मीटर दर्ज किया गया, जो केवल 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से कम हो रहा है। इस सुस्त गिरावट ने आगामी त्यौहारों को लेकर प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषकर डाला छठ महापर्व को अब केवल 31 दिन बचे हैं और इस दौरान घाटों को पूजा योग्य बनाने की बड़ी चुनौती नगर निगम के सामने है।

अस्सी घाट समेत वाराणसी के कई प्रमुख घाटों पर सिल्ट की मोटी परत जमा हो गई है। कई सीढ़ियां अब भी पानी में डूबी हुई हैं। तुलसी घाट, केदारघाट, भदैनी घाट, हरिश्चंद्र घाट, पाण्डेय घाट और दशाश्वमेध घाट जैसे प्रमुख घाट अभी या तो जलमग्न हैं या सिल्ट से दबे हुए हैं। इस कारण न तो श्रद्धालु सहजता से दर्शन और स्नान कर पा रहे हैं और न ही पर्यटक गंगा घाटों का वास्तविक दृश्य देख पा रहे हैं। नाव संचालन भी अब तक बहाल नहीं हो सका है। नाविकों का कहना है कि जब तक घाट पूरी तरह साफ नहीं होंगे और जलस्तर और नीचे नहीं जाएगा, तब तक नाव चलाना संभव नहीं है।

डाला छठ महापर्व हर साल गंगा किनारे लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। व्रती अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को गंगा तट पर खड़े होकर अर्घ अर्पित करते हैं। लेकिन इस बार घाटों की स्थिति परेशानी खड़ी कर रही है। गंगा का बड़ा हिस्सा अब भी पानी या सिल्ट से ढका है, जिससे व्रतियों के लिए घाटों तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है।

नगर आयुक्त ने दावा किया है कि घाटों की सफाई समय पर पूरी कर ली जाएगी। गंगा के जलस्तर में गिरावट के साथ ही नगर निगम पंप लगाकर घाटों से पानी निकाल रहा है और सिल्ट हटाने का काम भी जारी है। हालांकि अधिकारियों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में समय पर तैयारी करना चुनौतीपूर्ण होगा। सिल्ट हटाने और घाटों को पूजा योग्य बनाने के लिए बड़ी संख्या में मजदूरों और मशीनों की तैनाती करनी होगी।

श्रद्धालु त्योहार की तैयारियों को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन पर समय रहते घाटों को साफ करने का दबाव बना हुआ है। नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि छठ महापर्व से पहले घाटों को पूरी तरह साफ कर लिया जाएगा, लेकिन मौजूदा हालात ने इस दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घाटों की स्थिति सुधरने में अब गंगा के जलस्तर की रफ्तार और नगर निगम की कार्यवाही दोनों अहम भूमिका निभाएंगे।

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