Wed, 23 Jul 2025 15:45:16 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
गाजियाबाद: कविनगर इलाके में एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को विभिन्न विदेशी देशों का राजदूत बताकर वर्षों से आम जनता को गुमराह कर रहा था। आरोपी की पहचान हर्षवर्धन जैन के रूप में हुई है, जो खुद को 'वेस्ट आर्कटिका', 'सबोर्गा', 'पौलविया' और 'लोडोनिया' जैसे काल्पनिक या मान्यता न प्राप्त देशों का काउंसल और राजदूत बताता था।
पकड़े जाने के बाद सामने आया कि हर्षवर्धन ने कविनगर में एक किराए के मकान में फर्जी दूतावास खोल रखा था। यही नहीं, वह अपने कार्यालय में खुद की मॉर्फ की गई तस्वीरें लगाकर रखता था, जिनमें वह खुद को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ दिखाता था, ताकि लोगों पर प्रभाव जमा सके। आरोपी इसी प्रभाव के दम पर बेरोजगार और विदेश जाने के इच्छुक लोगों को विदेश में नौकरी और उच्च पद दिलाने का झांसा देता था।
STF की टीम ने जब उसके कथित दूतावास पर छापेमारी की, तो वहां से 4 लग्जरी गाड़ियां, 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मोहर लगे कई दस्तावेज, विभिन्न देशों और कंपनियों की जाली मोहरें, प्रेस कार्ड और करीब 44.7 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। यही नहीं, वह डिप्लोमैटिक नंबर प्लेटों का भी इस्तेमाल करता था ताकि आम लोगों को अपने झूठे प्रभाव में ले सके।
हर्षवर्धन जैन कोई पहली बार कानून के शिकंजे में नहीं आया है। वर्ष 2011 में भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था जब उसके पास से एक सेटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसे बिना अनुमति के रखना कानूनन अपराध है। उस समय भी कविनगर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं, उसकी संदिग्ध गतिविधियों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की गहराई को उजागर करते हुए STF ने खुलासा किया है कि उसके संबंध कुख्यात अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर चंद्रास्वामी और अदनान खगौशी से भी होने की बात सामने आई है।
फिलहाल STF की टीम आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि इस फर्जीवाड़े के तार और कहां-कहां तक जुड़े हैं। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इस रैकेट के जरिए अब तक कितने लोगों से ठगी की गई है और कितने लोगों को इस झांसे में फंसाया गया।
गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और STF अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अब इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में जुटी है। इस कार्रवाई से साफ जाहिर होता है कि किस तरह से कुछ लोग नकली पद और प्रभाव का झांसा देकर न केवल आम लोगों को ठगते हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं। STF की यह कार्रवाई आने वाले समय में इस तरह के फर्जीवाड़ों पर लगाम लगाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।