Wed, 09 Jul 2025 15:35:20 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
गुजरात: वडोदरा जिले के पादरा तालुका में बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब आणंद और पादरा को जोड़ने वाले पुराने पुल का एक बड़ा हिस्सा अचानक महिसागर नदी में ढह गया। इस हादसे में नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि नौ अन्य को बचा लिया गया है। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, नदी में गिरे वाहनों को देखकर स्थानीय लोगों के दिल दहल गए।
बताया जा रहा है कि यह हादसा उस वक्त हुआ, जब पुल से गुजर रहे चार वाहन — दो ट्रक, एक बोलेरो SUV और एक पिकअप वैन — पुल के जर्जर हिस्से के दबाव में आकर अचानक टूट जाने से सीधे नदी में गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुल गिरने से पहले एक जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। घटनास्थल पर तुरंत फायर ब्रिगेड, पुलिस बल और प्रशासन की टीमें पहुंचीं। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों ने भी बड़ी तत्परता से मदद की।
अब तक नौ शवों को नदी और मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। वहीं, तीन घायलों को गंभीर हालत में नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अभी राहत कार्य जारी है और नदी में सर्च ऑपरेशन चल रहा है ताकि किसी और संभावित पीड़ित को खोजा जा सके।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह बेहद दुखद घटना है। उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जाए। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस गंभीर हादसे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है। तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर भेजा गया है, जो पुल की संरचनात्मक विफलता के कारणों का विश्लेषण करेंगे। मंत्री ने बताया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।
हादसे के बाद विपक्ष ने भी सरकार पर सवाल उठाए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “गुजरात में बार-बार पुल गिरने की घटनाएं हो रही हैं। यह न केवल दुखद है, बल्कि राज्य की बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े करता है। भाजपा को जवाब देना चाहिए कि तीन दशकों की सत्ता के बावजूद ऐसे जानलेवा पुल क्यों बने हुए हैं।”
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यह पुल वर्षों से खराब स्थिति में था और इसके संबंध में कई बार प्रशासन को चेतावनियां दी गई थीं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पुल न केवल यातायात के लिहाज से खतरनाक था, बल्कि इस पर आत्महत्या की कई घटनाएं भी पहले घट चुकी थीं। वर्ष 1985 में बना यह पुल लंबे समय से मरम्मत की मांग कर रहा था, लेकिन उसकी स्थिति पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
गुजरात सरकार ने हाल ही में ₹212 करोड़ की लागत से एक नया पुल निर्माण की स्वीकृति दी थी, जो इसी पुराने पुल के पास बनाया जाना है। लेकिन यह परियोजना अभी निर्माण के प्रारंभिक चरण में ही थी। हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने जांच टीम को तत्काल रिपोर्ट सौंपने और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
फिलहाल, पीड़ित परिवारों में शोक की लहर है और पूरे इलाके में गमगीन माहौल बना हुआ है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में पूरी तरह जुटा है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में हादसे की विस्तृत रिपोर्ट सामने आएगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के उपाय तय किए जा सकें।