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वाराणसी: माँ के आंचल सी छांव, रामनगर में वृक्षारोपण को मिली नई पहचान

वाराणसी: माँ के आंचल सी छांव, रामनगर में वृक्षारोपण को मिली नई पहचान

रामनगर में 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय में भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने वृक्षारोपण किया, यह कार्यक्रम पीएम मोदी के आह्वान पर किया गया।

वाराणसी; रामनगर/‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ अभियान के तहत मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय परिसर, रामनगर में एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर कैंट क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने आम के पौधों का रोपण कर पर्यावरण के इस महायज्ञ में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। इस अभियान की खास बात यह रही कि यह वृक्षारोपण किसी सरकारी आदेश या औपचारिकता के तहत नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संबंध माँ के नाम समर्पित भाव के साथ किया गया।

यह कार्यक्रम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संचालित वृक्षारोपण महाभियान 2025 के अंतर्गत किया गया। इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं, चिकित्सालय स्टाफ और स्थानीय नागरिकों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को भावनात्मक धरातल पर आमजन से जोड़ना है, जिससे लोग इसे सिर्फ एक दायित्व नहीं बल्कि एक स्नेहमयी श्रद्धांजलि के रूप में ग्रहण करें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा, “जैसे माँ की ममता की छांव में हम जीवन भर सुरक्षित महसूस करते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वृक्ष की छांव हमें गर्मी, धूप और बारिश से बचाकर हमारी रक्षा करता है। माँ जीवन देती है, वृक्ष भी जीवनदायिनी ऑक्सीजन देकर हमारा अस्तित्व बनाए रखता है। इस अभियान के माध्यम से हम अपनी माँ के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का एक नया और प्रकृति से जुड़ा तरीका अपनाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ न सिर्फ भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वायु, हरित पर्यावरण और जलवायु संतुलन प्रदान करने की दिशा में भी एक ठोस कदम है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे भी अपनी मां के नाम एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें, क्योंकि एक पेड़ न केवल पर्यावरण को बचाता है, बल्कि यह एक जीवन की रक्षा का आधार भी बनता है।

वृक्षारोपण के दौरान लगाए गए आम के पौधों को प्रतीकात्मक रूप से मां के वात्सल्य और मधुरता से जोड़ा गया। साथ ही यह संदेश भी दिया गया कि यह अभियान केवल आज के लिए नहीं, बल्कि वर्ष 2025 तक सतत चलाया जाएगा ताकि हर व्यक्ति कम से कम एक पेड़ अपनी मां के नाम जरूर लगाए और समाज को प्रकृति के साथ सामंजस्य का नया संदेश दे।

कार्यक्रम में विधायक के साथ चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्साधिकारी, भाजपा पदाधिकारी, स्थानीय पार्षद, समाजसेवी, महिला मंडल एवं युवा कार्यकर्ताओं की सक्रिय उपस्थिति रही। पौधों को लगाए जाने के बाद उनके नियमित देखभाल की भी रूपरेखा बनाई गई, ताकि वृक्ष सिर्फ रोपे ही न जाएं बल्कि सुरक्षित रूप से बढ़ते भी रहें।

‘एक पेड़ माँ के नाम - 2.0’ के माध्यम से वाराणसी ने न केवल पर्यावरणीय सरोकारों को नए स्तर पर पहुंचाया है, बल्कि एक भावनात्मक पुल भी बनाया है, जो नागरिकों को व्यक्तिगत दायित्व और प्रकृति के साथ आत्मीयता के रास्ते पर ले जाता है। यह पहल पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक चेतना और पारिवारिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करती है।

यह आयोजन केवल एक पौधरोपण नहीं था, यह माँ के प्रति आदर और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का संगम था। एक ऐसा प्रयास, जो आने वाले समय में ‘नया उत्तर प्रदेश’ को हरियाली और स्थिरता की ओर ले जाएगा।

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