हांगकांग : भीषण आग, 75 की मौत, 280 से अधिक लोग अब भी लापता

हांगकांग की सात आवासीय इमारतों में लगी भीषण आग में 75 लोगों की मौत हुई, जबकि 280 से अधिक लापता हैं और बचाव कार्य जारी है।

Thu, 27 Nov 2025 22:32:19 - By : SUNAINA TIWARI

हांगकांग : सात आवासीय इमारतों में लगी भीषण आग ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। इस विनाशकारी हादसे में मृतकों की संख्या 75 तक पहुंच गई है जबकि लगभग 76 लोग घायल हुए हैं जिनमें 15 की हालत गंभीर बताई जा रही है। 280 से अधिक लोग अब भी लापता हैं जिससे बचाव दल के सामने चुनौती और बढ़ गई है। मृतकों में एक अग्निशमनकर्मी भी शामिल है जो ऊंची मंजिलों पर फंसे लोगों को बचाने की कोशिश करते हुए आग की चपेट में आ गया। कई लोग अभी भी भीतर फंसे हैं और उनका पता लगाने के लिए बचाव कर्मी चौबीस घंटे राहत कार्य में जुटे हैं। हांगकांग के प्रशासक जान ली का चिउ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी सरकारी आवासीय परिसरों की व्यापक जांच का आदेश जारी किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं अन्य इमारतों में भी इसी तरह की सुरक्षा खामियां तो मौजूद नहीं हैं।

अग्निशमन दल आग लगने के अगले दिन गुरुवार को भी आग पर पूरी तरह काबू पाने के लिए प्रयास करता रहा। सात इमारतों में से चार ब्लाकों में आग को नियंत्रण में कर लिया गया है लेकिन बाकी 31 मंजिला इमारतों के ऊपरी हिस्सों में लपटें और धुआं अब भी बने हुए हैं। तेज हवा और ऊंचाई ने राहत कार्य को और कठिन बना दिया है। अधिकारियों के अनुसार यह घटना पिछले सत्तर वर्षों में शहर की सबसे बड़ी आपदा के रूप में सामने आई है जिसने पूरे प्रशासनिक ढांचे को हिला दिया है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया कि राहत कार्य बड़े पैमाने पर जारी है और बचाव दल लगातार इमारतों से पीड़ितों को निकाल रहा है। गर्मी और धुएं के स्तर पर नजर रखने और आग के दोबारा भड़कने की आशंका को रोकने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। आग बुधवार को शुरू हुई थी और अभी तक इसके कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस और तकनीकी टीमों ने जांच शुरू कर दी है ताकि सही वजह का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए 30 करोड़ हांगकांग डॉलर का राहत कोष बनाने की घोषणा की है। आग लगी इमारतों का समूह वांग फुक कोर्ट के नाम से जाना जाता है जिसे 1983 में बनाया गया था और यह ताई पो जिले के उपनगर में स्थित है। परिसर में कुल आठ टावर हैं जिनमें 1984 अपार्टमेंट हैं और 2021 की जनगणना के अनुसार यहां करीब 4600 लोग रहते हैं। अनुमान है कि इन इमारतों में रहने वाले लगभग 40 प्रतिशत निवासी साठ वर्ष की आयु के आसपास हैं जिससे यह हादसा और अधिक चिंताजनक बन गया क्योंकि वृद्ध लोगों के लिए समय पर बाहर निकलना कठिन था।

घटना के समय सभी टावरों में नवीनीकरण का कार्य चल रहा था और इसी कारण सभी इमारतों के चारों ओर जाल और बांस के मचान लगाए गए थे। अधिकारियों का मानना है कि इन ढांचों ने आग के फैलने की गति को और बढ़ा दिया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस त्रासदी पर गहरा शोक प्रकट किया और निर्देश दिया कि आग बुझाने, फंसे लोगों को निकालने, घायलों का इलाज करने और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।

आग की जांच के दौरान एक बड़े मोड़ में नवीनीकरण कार्य से जुड़ी कंपनी के दो निदेशक और एक कंसल्टेंट को गैर इरादतन हत्या के शक में गिरफ्तार किया गया है। शुरुआती जांच में पुलिस को हर मंजिल पर लिफ्ट की खिड़कियों के पास स्टायरोफोम मिला है जो अत्यधिक ज्वलनशील होता है। अधिकारियों के अनुसार इसी कारण आग तेजी से फैलती चली गई और समय रहते उसे रोकना मुश्किल हो गया। इसके साथ ही इमारतों के बाहर लगी जाली भी आग सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई जिससे लपटें और धुआं तेजी से ऊपर पहुंच गया। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना भविष्य में निर्माण और नवीनीकरण कार्यों के दौरान कड़े सुरक्षा मानकों की अनिवार्यता को मजबूती से रेखांकित करती है।

वाराणसी: राखी रानी ने थ्रीबी फाउंडेशन से बदला महिलाओं का जीवन, आत्मनिर्भरता की नई मिसाल

वाराणसी: जाल्हूपुर बाजार में पुरानी रंजिश में युवक पर जानलेवा हमला, सिर में गंभीर चोट

वाराणसी: मां विशालाक्षी मंदिर में देवी विग्रह चलायमान, 45 घंटे बाद होंगे दर्शन शुरू

वाराणसी: पंचायत सचिवों का विरोध प्रदर्शन, ऑनलाइन अटेंडेंस प्रणाली का किया बहिष्कार

वाराणसी में सड़क हादसों में 254 मौतें, प्रयागराज-वाराणसी हाईवे सबसे खतरनाक