Thu, 11 Sep 2025 12:24:07 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क यानी NIRF 2025 की रैंकिंग जारी कर दी है। इंजीनियरिंग कैटेगरी में आईआईटी बीएचयू ने इस बार भी अपना परचम लहराते हुए टॉप 10 संस्थानों में जगह बनाई है। लगातार दूसरे साल संस्थान को इस श्रेणी में दसवां स्थान मिला है। रैंकिंग की घोषणा होते ही वाराणसी स्थित आईआईटी बीएचयू के कैम्पस में छात्रों और शिक्षकों के बीच खुशी का माहौल बन गया।
आईआईटी बीएचयू की उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि संस्थान न केवल पारंपरिक शिक्षा में बल्कि रिसर्च और नवाचार के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां कुल 16 विभाग हैं जिनमें केमिकल, सिरेमिक, सिविल, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और अन्य इंजीनियरिंग विषय शामिल हैं। हर साल बड़ी संख्या में छात्र यहां दाखिला लेते हैं और उच्च शिक्षा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त रिसर्च में योगदान देते हैं।
संस्थान के डायरेक्टर अमित पात्रा ने रैंकिंग पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उपलब्धि टीमवर्क और सतत प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने बताया कि आईआईटी बीएचयू छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही रिसर्च के लिए उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हर साल और बेहतर परिणाम सामने आएं और संस्थान की रैंकिंग मजबूत बनी रहे।
आईआईटी बीएचयू का इतिहास भी इसे खास बनाता है। 1919 में बनारस इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में शुरू हुई इस संस्था को 2012 में आईआईटी का दर्जा मिला। तब से लेकर अब तक यहां लगातार शैक्षणिक और अनुसंधान स्तर पर सुधार होते रहे हैं। यही वजह है कि संस्थान देश के अग्रणी तकनीकी संस्थानों की सूची में स्थायी स्थान बनाए हुए है।
छात्रों का मानना है कि आईआईटी बीएचयू में मिलने वाला माहौल उन्हें अकादमिक के साथ ही शोध और नवाचार में भी नई ऊर्जा देता है। रिसर्च प्रोजेक्ट्स, स्टार्टअप्स और इंटरनेशनल कोलैबोरेशन के जरिए यहां के छात्र वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहे हैं।
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आईआईटी बीएचयू की यह सफलता उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। वाराणसी जैसी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी में स्थित यह संस्थान शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में देश को लगातार नई दिशा दे रहा है। आने वाले समय में भी आईआईटी बीएचयू से बड़ी उम्मीदें हैं और रैंकिंग में उसका प्रदर्शन इसी ओर इशारा करता है।