Thu, 18 Dec 2025 23:57:21 - By : SUNAINA TIWARI
नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में नीदरलैंड के विदेश मंत्री डेविड वान वील से मुलाकात की। इस बैठक में भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने रक्षा उपकरणों के सह विकास और सह उत्पादन के प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया। बैठक को दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस अवसर पर भारत और नीदरलैंड के बीच रक्षा सहयोग से जुड़ा एक समझौता पत्र भी हस्ताक्षरित किया गया। रक्षा मंत्री और डच विदेश मंत्री की उपस्थिति में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारत में नीदरलैंड की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स के बीच इन दस्तावेजों का औपचारिक आदान प्रदान हुआ। मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को संस्थागत रूप देने और भविष्य के सहयोग के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करेगा।
बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और नीदरलैंड के बीच मजबूत और लगातार विस्तार लेती रक्षा साझेदारी की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने सैन्य सहयोग को बढ़ाने और रक्षा सहयोग को रणनीतिक साझेदारी के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। चर्चा में रक्षा उपकरणों के सह विकास और सह उत्पादन के साथ साथ तकनीक आधारित सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बातचीत में स्वतंत्र खुले समावेशी और नियम आधारित हिंद प्रशांत क्षेत्र के प्रति भारत और नीदरलैंड की साझा प्रतिबद्धता भी सामने आई। दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में करीबी रक्षा साझेदारी और रक्षा उद्योगों के बीच संपर्क को मजबूत करना आवश्यक है। विशेष रूप से उन्नत तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया गया।
दोनों देशों ने पहचाने गए क्षेत्रों में रक्षा सहयोग की संभावनाओं को आगे बढ़ाने और एक रक्षा औद्योगिक रोडमैप तैयार करने के इरादे को भी स्पष्ट किया। इस रोडमैप के माध्यम से तकनीकी सहयोग सह उत्पादन और प्लेटफार्म तथा उपकरणों के सह विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत और नीदरलैंड के बीच जनस्तरीय संबंध बेहद मजबूत हैं और नीदरलैंड में रहने वाला बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु के रूप में कार्य कर रहा है जिससे आपसी विश्वास और मित्रता और सुदृढ़ हो रही है।