Mon, 24 Nov 2025 16:48:36 - By : Garima Mishra
कानपुर: शहर और आसपास के जिलों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को नई दिशा देने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एलएलआर अस्पताल परिसर में एपेक्स ट्रामा सेंटर का निर्माण अब आधिकारिक रूप से शुरू होने जा रहा है। यह नया अस्पताल 200 बेड की क्षमता वाला होगा और इसे अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। कुल 481.98 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना की पहली किस्त के रूप में 168.50 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव चंद्र शेखर मिश्र द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह ट्रामा सेंटर प्रदेश के प्रमुख ट्रामा नेटवर्क का हिस्सा बनेगा और केवल कानपुर ही नहीं बल्कि उन्नाव, कन्नौज, हरदोई, फतेहपुर और बांदा जैसे जिलों के लिए भी मेडिकल इमरजेंसी का एक बड़ा केंद्र साबित होगा। पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं ने संकेत दिया है कि निर्माण कार्य अगले दो माह के भीतर शुरू किया जाएगा और आगामी दो वर्षों में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
इस परियोजना के लिए नागरिक उड्डयन विभाग से हेलीपैड डिजाइन की अनुमति अनिवार्य की गई है। इमारत की संरचनात्मक डिजाइन आईआईटी के सहयोग से तैयार और प्रमाणित कराई जाएगी। शासन ने तीसरी पार्टी द्वारा गुणवत्ता परीक्षण अनिवार्य किया है। हर निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट कार्यदायी संस्था और कॉलेज प्रशासन को सौंपनी होगी और संतोषजनक रिपोर्ट मिलने पर ही भुगतान किया जाएगा। स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी चरण में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा।
ट्रामा सेंटर में स्थापित किए जाने वाले मेडिकल उपकरणों की सूची, तकनीकी स्पेसिफिकेशन और संख्या का निर्धारण विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाएगा। यह समिति जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की अध्यक्षता में गठित होगी। इसमें ऑपरेशन थिएटर, सीएसएसडी, अस्पताल फर्नीचर, सीसीटीवी सिस्टम और अन्य तकनीकी संसाधनों के मानक तय किए जाएंगे।
शासन ने यह भी निर्देश दिया है कि भवन दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार पूरी तरह बाधारहित बनाया जाए। इसके लिए रैम्प, लिफ्ट, विशेष शौचालय और सुगम मार्गों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि दिव्यांग और बुजुर्ग मरीजों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।
कानपुर का यह नया ट्रामा सेंटर भविष्य में एयर एंबुलेंस सेवा का भी केंद्र बनेगा। प्रस्तावित हेलीपैड बनने के बाद गंभीर मरीजों को मिनटों में अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा। परियोजना पूरी होने पर एलएलआर अस्पताल का यह ट्रामा सेंटर प्रदेश के शीर्ष आपातकालीन चिकित्सा संस्थानों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा और बड़ी दुर्घटनाओं के मामलों में जीवनरक्षक भूमिका निभाएगा।