Sun, 02 Nov 2025 11:02:10 - By : Garima Mishra
कानपुर रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया जब एक परिवार सहित 10 यात्री प्लेटफॉर्म नंबर छह पर लगी लिफ्ट में करीब 25 मिनट तक फंसे रहे। लिफ्ट में तीन छोटे बच्चे भी मौजूद थे जो घुटन और पसीने से परेशान होकर रोने लगे। लिफ्ट में फंसे यात्रियों की मदद के लिए जीआरपी के दो जवानों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। सौभाग्य से किसी को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, लखनऊ से गोरखपुर पहुंचे सिवान जिले के गुठनी निवासी विवेकानंद जायसवाल अपने परिवार के साथ प्लेटफॉर्म नंबर छह से फुट ओवरब्रिज की ओर जाने के लिए लिफ्ट में सवार हुए। उनके साथ एक अन्य परिवार के दंपती और उनके तीन बच्चे भी थे। लिफ्ट में कुल दस यात्री थे। जैसे ही उन्होंने ऊपर जाने के लिए बटन दबाया, लिफ्ट का दरवाजा बंद हो गया लेकिन वह ऊपर नहीं गई। शुरू में सभी को लगा कि शायद कोई तकनीकी रुकावट होगी और कुछ देर में लिफ्ट चल पड़ेगी, लेकिन करीब दस मिनट बीत जाने के बाद भी लिफ्ट नहीं चली तो यात्रियों में बेचैनी बढ़ने लगी।
लिफ्ट के अंदर हवा कम होने और पसीना बढ़ने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बच्चों ने घबराकर रोना शुरू कर दिया। विवेकानंद जायसवाल ने बताया कि स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी, इसलिए उन्होंने लिफ्ट के अंदर मदद के लिए लिखे मोबाइल नंबर पर कॉल किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। जब कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने गूगल से जीआरपी का नंबर खोजा और मदद के लिए फोन किया। सूचना मिलते ही जीआरपी के दो पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। इस बीच लिफ्ट ऑपरेटर को भी बुलाया गया।
करीब 25 मिनट के प्रयास के बाद जब दरवाजा खुला तो सभी यात्री पसीने से तरबतर और घबराए हुए बाहर निकले। यात्रियों ने राहत की सांस ली। उपस्थित पुलिसकर्मियों ने सभी को पानी पिलाया और शांत किया। इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह घटना लिफ्ट में आई तकनीकी खराबी के कारण हुई।
यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से लिफ्टों की नियमित जांच और रखरखाव की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जीआरपी समय पर न पहुंचती तो कोई गंभीर हादसा भी हो सकता था। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना न दोहराई जाए इसके लिए तकनीकी निरीक्षण की प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा। यह घटना स्टेशन पर सुरक्षा और सुविधा के प्रति सतर्कता की जरूरत को फिर से सामने लाती है।