Wed, 12 Nov 2025 10:36:47 - By : Tanishka upadhyay
कानपुर के नौबस्ता क्षेत्र में रहने वाले पवन मिश्र के जुड़वा बेटों पवित्र और प्रबल के आधार कार्ड में हुई तकनीकी गड़बड़ी ने एक समय सभी को हैरान कर दिया था। सोशल मीडिया पर आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि दोनों बच्चों के रेटिना और फिंगरप्रिंट एक समान हैं, जिसके कारण उनमें से एक का आधार कार्ड बन नहीं पा रहा। हालांकि अब जांच में सामने आया है कि यह कोई असामान्य जैविक घटना नहीं थी, बल्कि आधार कार्ड अपडेट के समय हुई एक तकनीकी त्रुटि थी।
जानकारी के अनुसार, दोनों बच्चों का जन्म 10 जनवरी 2015 को हुआ था। जन्म के कुछ समय बाद ही दोनों के आधार कार्ड बनवाए गए थे। उस समय छोटे बच्चों के लिए रेटिना और फिंगरप्रिंट स्कैन की अनिवार्यता नहीं होती है। बाद में जब दोनों के आधार कार्ड को अपडेट करवाया गया, तब यह त्रुटि हुई। केंद्र के असिस्टेंट मैनेजर और मीडिया कोऑर्डिनेटर अकरम ने बताया कि अपडेट प्रक्रिया के दौरान गलती से प्रबल का ही रेटिना और फिंगरप्रिंट दोनों बच्चों के रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। इससे पवित्र का आधार कार्ड निरस्त हो गया।
माल रोड स्थित आधार सेवा केंद्र ने मामले के संज्ञान में आते ही जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि यह एक तकनीकी गड़बड़ी थी जिसे बायोमीट्रिक मिक्सिंग कहा जाता है। इस त्रुटि में एक व्यक्ति के बायोमीट्रिक डेटा की जगह दूसरे का डेटा जुड़ जाता है। समस्या का पता चलते ही अधिकारियों ने तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की और पवित्र के रेटिना और फिंगरप्रिंट दोबारा लेकर आधार कार्ड को अपडेट कर दिया गया।
अकरम ने स्पष्ट किया कि जुड़वा भाइयों के रेटिना और फिंगरप्रिंट पूरी तरह अलग हैं। पहले सामने आई खबरों में जो दावा किया गया था वह गलत था। उन्होंने बताया कि इस तरह की तकनीकी समस्याएं बहुत दुर्लभ होती हैं और अब सिस्टम को और सटीक बनाया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो।
यह मामला न केवल तकनीकी सावधानी की अहमियत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि बायोमीट्रिक आधारित पहचान प्रणाली में छोटे मानवीय त्रुटियों का क्या प्रभाव पड़ सकता है। आधार केंद्र ने नागरिकों से अपील की है कि वे आधार अपडेट करवाते समय सभी जानकारी और स्कैन की सावधानीपूर्वक जांच कर लें।