Tue, 07 Oct 2025 16:13:54 - By : Garima Mishra
वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बुधवार को आयोजित होने वाले 47वें दीक्षांत समारोह से पहले मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में बड़ा हंगामा देखने को मिला। समारोह के लिए जारी आमंत्रण पत्र न मिलने पर टॉप 10 में शामिल छात्र-छात्राओं ने प्रशासनिक भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और बाद में सभागार का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए।
जानकारी के अनुसार, यह वही सभागार था जहां कुलपति की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित होनी थी। छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जारी टॉप टेन सूची में उनका नाम शामिल होने के बावजूद उन्हें समारोह में शामिल होने का आमंत्रण पत्र नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर वे सीधे सभागार में पहुंचे और दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश कर गए। इस दौरान वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और शिक्षक स्थिति को संभालने में असमर्थ नजर आए।
घटना के समय सभागार में कुलसचिव डॉक्टर सुनीता पांडे, परीक्षा नियंत्रक दीप्ति मिश्रा और विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर केके सिंह भी मौजूद थे। छात्रों ने आरोप लगाया कि न केवल उन्हें आमंत्रण पत्र से वंचित किया गया बल्कि दीक्षांत समारोह के लिए दिया गया परिधान भी अधूरा था। इससे उनमें भारी असंतोष फैल गया।
करीब 100 से अधिक छात्र और छात्राएं आधे घंटे तक सभागार में नारेबाजी करते रहे। आश्चर्य की बात यह रही कि इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किसी भी अधिकारी ने उन्हें रोकने या स्थिति को शांत करने का प्रयास नहीं किया।
छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर पारदर्शिता की कमी और भेदभाव का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उन्हें दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने का अवसर मिलना चाहिए था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनकी मेहनत को नजरअंदाज किया गया।
इस घटना के बाद परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिलहाल मामले की जांच की बात कही है और कार्यक्रम की तैयारियों को तय समय पर पूरा करने का दावा किया है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का दीक्षांत समारोह हर साल बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अतिथियों की उपस्थिति में आयोजित होता है। इस बार कार्यक्रम को लेकर छात्रों में उत्साह था, लेकिन आमंत्रण को लेकर उत्पन्न विवाद ने समारोह की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।