Thu, 09 Oct 2025 12:15:16 - By : Garima Mishra
वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु औसतन पांच हजार रुपये से अधिक खर्च करता है। इस प्रकार करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन से न केवल धार्मिक अनुभव बढ़ा है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत प्रवाह प्राप्त हुआ है।
दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण होने के बाद अब तक लगभग 25 करोड़ 28 लाख श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। इस भारी संख्या ने वाराणसी और पूरे उत्तर प्रदेश में पर्यटन और संबंधित व्यवसायों को बढ़ावा दिया है। अर्थशास्त्री प्रो. राजनाथ के अनुसार, यदि न्यूनतम अनुमान के अनुसार प्रत्येक श्रद्धालु चार से पांच हजार रुपये खर्च करता है, तो इन साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लगभग सवा लाख करोड़ रुपये का आर्थिक प्रवाह हुआ है।
वाराणसी में पधारने वाले श्रद्धालुओं में लगभग 70 प्रतिशत दक्षिण भारत से आते हैं, जबकि लगभग 15 प्रतिशत अन्य राज्यों और जनपदों से आते हैं। काशी दर्शन के बाद ये श्रद्धालु विंध्यवासिनी धाम, प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य जैसे अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा भी करते हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव स्थानीय होटलों, परिवहन, खानपान, और खुदरा व्यवसायों पर पड़ता है। इस प्रकार धार्मिक पर्यटन पूरे प्रदेश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को राज्य के विकास का एक सशक्त साधन बना रही है। अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य और विंध्याचल जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास तेजी से किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर पूरे प्रदेश में धार्मिक नगरों का व्यापक विकास किया जा रहा है, जिससे धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय रोजगार और निवेश में भी वृद्धि हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि काशी विश्वनाथ धाम और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के विकास से न केवल तीर्थयात्रियों को सुविधा मिल रही है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और निरंतर लाभ भी मिल रहा है। धार्मिक पर्यटन के इस प्रभाव को देखते हुए आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन और उससे जुड़े आर्थिक लाभ में और वृद्धि की संभावना जताई जा रही है।