Thu, 19 Jun 2025 13:03:05 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
महराजगंज: इस दौर में रिश्ते मोबाइल नेटवर्क की तरह कमजोर हो गए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक युवक ने ऐसा कर दिखाया कि आज की दुनिया में भी सच्चा प्यार ज़िंदा है। समाज में जहां अक्सर लोग शादी के वादे कर मुकर जाते हैं, वहां 29 वर्षीय सन्नी ने अपने प्यार को निभाने के लिए एक ऐसी मिसाल पेश की जो न केवल दिल को छूती है बल्कि आंखों को भी नम कर देती है।
यह हृदयविदारक और प्रेरणादायक प्रेम कहानी है निचलौल इलाके की, जहां 24 साल की प्रियंका और 29 साल के सनी की मोहब्बत एक ऐसे मुकाम पर पहुंची जिसे मौत भी नहीं मिटा सकी। दोनों का प्रेम वर्षों पुराना था। सन्नी कभी प्रियंका के घर में एक किराए की दुकान में मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था। वहीं से दोनों की नज़दीकियां बढ़ीं। दोनों एक ही जाति से थे, और परिवारों की रज़ामंदी के बाद 29 नवंबर को शादी तय हुई थी। दोनों घरों में शादी की तैयारियों का शोर था, लेकिन नियति को कुछ और मंज़ूर था।
कुछ दिनों पहले दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन हुई थी। प्रियंका ने गुस्से में आकर अपना फोन बंद कर लिया। फिर अगली सुबह, सन्नी को जो खबर मिली, उसने उसकी दुनिया उजाड़ दी। प्रियंका ने आत्महत्या कर ली थी। उसके घर की दूसरी मंजिल पर फंदे से लटकी उसकी लाश मिली।
खबर मिलते ही सन्नी बदहवास दौड़ता हुआ प्रियंका के घर पहुंचा। उसकी लाश को देखकर वह फूट-फूट कर रोने लगा। और फिर कुछ ऐसा किया, जिसे सुनकर पत्थर दिल भी पिघल जाए। उसने कहा, "अगर ज़िंदगी में नहीं तो मौत के बाद ही सही, मैं प्रियंका को अपनी दुल्हन बनाकर ही विदा करूंगा।"
करीब आधे घंटे बाद वह एक पोटली लेकर लौटा। उसमें सुहाग का सामान था। लाल साड़ी, सिंदूर, मंगलसूत्र और हल्दी। परिजनों की सहमति से सन्नी ने पंडित बुलवाया। वैदिक मंत्रों के बीच उसने प्रियंका की लाश को लाल साड़ी पहनाई, हाथों में हल्दी लगाई, मांग में सिंदूर भरा और मंगलसूत्र पहनाया। फिर अर्थी के चारों ओर चक्कर लगाकर सात फेरे लिए। मोहल्ले और गांव के लोग स्तब्ध होकर इस प्रेम के दृश्य को देख रहे थे। किसी की आंखें नम थीं तो किसी की सांसें थमीं हुईं।
इसके बाद सन्नी ने प्रियंका की अर्थी को कंधा दिया और पति के रूप में उसे मुखाग्नि दी। साथ ही उसने सबके सामने यह संकल्प लिया कि वह अब जीवनभर अविवाहित रहेगा और प्रियंका की याद में ही अपनी ज़िंदगी गुज़ारेगा।
निचलौल थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार वर्मा ने बताया कि लड़की की मौत के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया है। प्रेमी द्वारा शव से विवाह की जानकारी भी पुलिस को है। हालांकि अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल एक दुखद अंत है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि प्यार अगर सच्चा हो तो उसे न समाज की बंदिशें रोक सकती हैं, न ही मौत की दीवार। सन्नी की यह कहानी समाज के उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो मोहब्बत को बस 'जुड़ाव' समझते हैं, निभाने का वादा कर मुकर जाते हैं।
मौत ने भी ना तोड़ा उस इश्क़ का मान था,
लाश से भी सजी दुल्हन, ये कैसा वरदान था।
सात फेरों की गवाही अब श्मशान देता है,
जिसे ज़िंदा न निभा सके, वो प्यार अमर पहचान था।
यह कहानी एक सबक है, प्यार सस्ते वादों का खेल नहीं, यह समर्पण की वो पराकाष्ठा है, जिसे जीकर भी निभाया जाता है... और मरकर भी।