मथुरा के नौहझील में सरकारी राशन की कालाबाजारी, 10 कुंतल गेहूं-चावल जब्त

मथुरा के नौहझील में सरकारी राशन की अवैध कालाबाजारी पकड़ी गई, एसडीएम ने 10 कुंतल गेहूं-चावल जब्त करवाए।

Tue, 23 Dec 2025 13:51:19 - By : Palak Yadav

मथुरा के नौहझील क्षेत्र में सरकारी राशन की अवैध कालाबाजारी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले गेहूं और चावल को चोरी छिपे बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने की कोशिश की जा रही थी। प्रशासन की सतर्कता के चलते यह प्रयास समय रहते विफल हो गया और भारी मात्रा में राशन सामग्री जब्त कर ली गई। इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह कार्रवाई एसडीएम मांट द्वारा की गई, जो 17 दिसंबर को नौहझील क्षेत्र में बाजना नावली मार्ग पर क्षेत्रीय भ्रमण पर थीं। दोपहर करीब सवा चार बजे मनोज ईंट भट्ठे के पास एक मैक्स पिकअप को संदिग्ध अवस्था में रोककर जांच की गई। वाहन में बड़ी मात्रा में खाद्यान्न लदा हुआ था, जिसे देख एसडीएम ने तत्काल गाड़ी को पुलिस अभिरक्षा में लेते हुए पूर्ति विभाग को विस्तृत जांच के निर्देश दिए।

इसके बाद बाजना कट चौकी पर पूर्ति निरीक्षक शांति स्वरूप और पूर्ति लिपिक गोपाल अग्रवाल ने वाहन की विधिवत जांच की। जांच के दौरान हाथ से सिले हुए प्लास्टिक के कुल 49 कट्टे बरामद किए गए, जिनमें 21 कट्टे गेहूं और 28 कट्टे चावल शामिल थे। वजन के आधार पर यह मात्रा लगभग 10 कुंतल पाई गई। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बरामद किया गया अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली का है, जिसे अवैध रूप से बाजार में खपाने की तैयारी थी।

वाहन में सवार प्रमोद और हिमांशु गोयल ने पूछताछ में स्वीकार किया कि यह राशन नौहझील क्षेत्र के भूरेका गांव निवासी परचून दुकानदार हसीन की दुकान से लादा गया था। उनका उद्देश्य इस अनाज को नावली क्षेत्र के ईंट भट्ठों पर ऊंचे दामों पर बेचना था। जांच के दौरान आरोपियों के पास राशन के परिवहन और बिक्री से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के बाद पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर आरोपी हिमांशु गोयल, प्रमोद कुमार और दुकानदार हसीन के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया कि जब्त किए गए राशन को किसी प्रकार की हानि न हो, इसके लिए उसे संबंधित उचित दर विक्रेता की सिपुर्दगी में दे दिया गया है।

इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हडकंप मचा हुआ है और प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सरकारी राशन की कालाबाजारी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि आगे भी ऐसे मामलों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी ताकि जरूरतमंदों के हक का अनाज अवैध तरीके से बाजार में न पहुंच सके।

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