Tue, 22 Jul 2025 22:07:59 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मथुरा: एक महिला सिपाही ने झांसी में तैनात एक दारोगा पर दुष्कर्म, मारपीट और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने सोमवार को थाना जमुनापार में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी दारोगा रविकांत गोस्वामी और उसके एक साथी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले की शुरुआत 17-18 फरवरी 2023 की रात से जुड़ी बताई जा रही है, जब पीड़िता के घर में शादी का कार्यक्रम चल रहा था। पीड़िता के अनुसार, उसी दौरान झांसी जिले के चिरगांव थाने में तैनात दारोगा रविकांत गोस्वामी अपने एक साथी के साथ समारोह में पहुंचा और उसे बहाने से नजदीकी गेस्ट हाउस के एक कमरे में बुलाया। वहां कथित रूप से जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया गया, जिससे वह बेहोश हो गई। इस दौरान दारोगा ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका आपत्तिजनक वीडियो व तस्वीरें भी खींच लीं।
पीड़िता का आरोप है कि इसके बाद दारोगा ने उसे मुरादाबाद बुलाया, जहां होटल के कमरे में फिर से अपने साथी के साथ मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी, जिससे वह मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गई।
लगातार उत्पीड़न और धमकियों से परेशान होकर अंततः महिला सिपाही ने साहस जुटाकर मथुरा के थाना जमुनापार में आरोपी दारोगा और उसके साथी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़िता मूल रूप से मथुरा की ही निवासी है और पहले झांसी के डीआईजी रेंज कार्यालय में बतौर महिला कांस्टेबल तैनात रही है।
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीओ सदर संदीप कुमार ने बताया कि, “जमुनापार थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला सिपाही द्वारा एक दारोगा के खिलाफ रेप समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामले की गहनता से जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पीड़िता को सुरक्षा देने के साथ-साथ न्याय सुनिश्चित करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।”
पुलिस के मुताबिक, सभी तथ्यों और साक्ष्यों की जांच की जा रही है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में जांच को प्राथमिकता दी जा रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
इस मामले ने यूपी पुलिस विभाग में एक बार फिर आंतरिक अनुशासन और महिला सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस महकमे में ही कार्यरत महिला सिपाही के साथ हुए इस तरह के कृत्य से पूरे तंत्र की जवाबदेही पर बहस छिड़ गई है। पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में प्रशासन की पारदर्शिता और तत्परता अब अगली परीक्षा में है।