Fri, 05 Sep 2025 10:36:04 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मऊ: स्वास्थ्य सेवाओं में फैले अव्यवस्था और बिना पंजीकरण चल रहे अस्पतालों पर शिकंजा कसते हुए गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने जिलेभर में व्यापक अभियान चलाया। लखनऊ से आई विशेष टीम के नेतृत्व में सुबह से देर रात तक 22 टीमें सक्रिय रहीं और कुल 35 जगहों पर छापेमारी की गई। इस अभियान में 26 निजी अस्पतालों को सील कर दिया गया, जिनमें कई लंबे समय से बिना अनुमति और पंजीकरण के संचालित हो रहे थे।
हमारे संवाददाता ने बताया, कि इस कार्रवाई का सबसे बड़ा असर मऊ शहर और आसपास के ब्लॉकों में देखने को मिला। दोहरीघाट ब्लॉक में 15, मुहम्मदाबाद गोहना तहसील में छह, रानीपुर ब्लॉक में दो, बड़राव ब्लॉक में दो और मऊ शहर में एक अस्पताल को सील किया गया। अचानक हुई इस सख्त कार्रवाई से निजी अस्पताल और क्लीनिक संचालकों में हड़कंप मच गया। कई जगह संचालक ताले लगाकर फरार हो गए और मरीजों को भी दूसरी जगह भेजना पड़ा।
गौरतलब है, कि नगर में जिन अस्पतालों को सील किया गया, उसमें वो भी अस्पताल शामिल है, जहां 29 अगस्त को इलाज में लापरवाही के चलते एक महिला की मौत हो गई थी और घटना के बाद परिजनों ने तोड़फोड़ की थी। मौत के महज 48 घंटे के भीतर स्वास्थ्य विभाग ने उस अस्पताल समेत दो अन्य अवैध अस्पतालों को भी सील कर दिया।
इस कार्रवाई को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निर्देश पर अंजाम दिया गया। उनके आदेश के बाद एडी हेल्थ बी.के. सिंह ने नगर क्षेत्र में चार टीमों को तैनात किया। वहीं अन्य ब्लॉकों के लिए 18 टीमों का गठन सीएमओ डॉ. राहुल सिंह ने किया था। सुबह 10 बजे जैसे ही अभियान की शुरुआत हुई, टीमों ने एक साथ नगर, मुहम्मदाबाद गोहना, रतनपुरा, दोहरीघाट और बड़राव क्षेत्र में विशेष छापेमारी शुरू की।
मऊ नगर में अरराजी अस्पताल, एपेक्स अस्पताल, रुद्रा अस्पताल और हाईटेक अस्पताल को बिना पंजीकरण पाए जाने पर सील किया गया। मुहम्मदाबाद गोहना में भी बड़ी कार्रवाई हुई, जहां महरुपुर मोहल्ले में संचालित अल जहूर हॉस्पिटल, लक्ष्मी क्लिनिक, न्यू लाइफ मेटरनिटी हॉस्पिटल, जज्जा बच्चा क्लीनिक, सुभावती अस्पताल और एक मेडिकल हॉल पर ताला जड़ दिया गया।
इस सख्त कदम के बाद जिले में हड़कंप की स्थिति है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ संदेश दिया गया है कि अब बिना अनुमति और पंजीकरण के कोई भी अस्पताल या क्लिनिक संचालित नहीं किया जा सकेगा। विभाग ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।