Sun, 17 Aug 2025 13:17:41 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
मऊ: बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के साथ ठगी का एक गंभीर मामला कोपागंज थाना क्षेत्र में सामने आया है। भदसा मानोपुर गांव के आठ युवकों ने शनिवार को थाने पहुंचकर आरोप लगाया कि नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ठगे गए। यही नहीं, जब उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई वापस मांगी तो आरोपियों ने उन्हें बेरहमी से पीटकर घायल कर दिया। पीड़ितों ने पुलिस को लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ितों में शामिल श्रीकांत, पंकज कुमार, रोशन कुमार, प्रकाश कुमार, रोशन राज, सुजीत कुमार, अभिषेक कुमार और साहिल यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर एक युवक का फोन आया था। उसने दावा किया कि वह उन्हें वाराणसी स्थित एक निजी कंपनी में पैकिंग का काम दिला सकता है। नौकरी के बदले हर माह 20 हजार रुपये वेतन देने का वादा किया गया। बेहतर भविष्य की आस में सभी युवक वाराणसी पहुंचे, जहां आरोपी उन्हें लंका थाना क्षेत्र के दासी इलाके में एक मकान में ले गया।
युवकों का आरोप है कि आरोपी ने वहां रहने और खाने के नाम पर पहले 25-25 हजार रुपये जमा कराए। इसके बाद आईडी कार्ड और कागजात बनवाने के बहाने फिर से 15-15 हजार रुपये ऐंठ लिए। इस तरह कुल 3.20 लाख रुपये ले लिए गए। लेकिन कई दिनों के इंतजार के बावजूद न तो कोई काम मिला और न ही किसी कंपनी में जाने का मौका।
जब युवकों ने बार-बार सवाल किए और रुपये वापस मांगे तो आरोपी और उसके साथियों ने गाली-गलौज करते हुए उन पर हमला कर दिया। पीड़ितों ने बताया कि मारपीट में कई लोग घायल हो गए। किसी तरह जान बचाकर वे सभी शनिवार की सुबह वहां से निकले और सीधे कोपागंज थाने पहुंचे।
थाना प्रभारी निरीक्षक रविंद्रनाथ राय ने बताया कि तहरीर प्राप्त हो गई है और मामले की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह सामने आया है कि आरोपी युवक थाना क्षेत्र के ही एक गांव का रहने वाला है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गांव में इस घटना की चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि बेरोजगारी की वजह से नौजवान अक्सर ऐसे लालच में फंस जाते हैं और ठग गिरोह इसका फायदा उठाकर मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि पुलिस ऐसे गिरोह पर सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में कोई अन्य युवक ठगी का शिकार न बने।
यह घटना न केवल पीड़ित परिवारों के लिए बड़ा झटका है, बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए एक सबक भी है कि किसी भी तरह की नौकरी के लालच में आने से पहले उसके स्रोत और विश्वसनीयता की पूरी जांच करना बेहद जरूरी है।