Wed, 10 Sep 2025 22:57:41 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/गंगा तट पर बसे आध्यात्मिक नगरी वाराणसी इन दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बनी हुई है। कारण है मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का भारत आगमन और विशेष रूप से उनका काशी दौरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉ. रामगुलाम के बीच 11 सितंबर को वाराणसी में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता न केवल दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी, बल्कि काशी की परंपरा, संस्कृति और मेहमाननवाजी का भी साक्षी बनेगी।
इस खास मौके पर अतिथियों के स्वागत के लिए स्थानीय स्वाद और परंपरा का भी ध्यान रखा गया है। वाराणसी के रामनगर की मशहूर द्वारिका लस्सी मेहमानों को परोसी जाएगी। दशकों से अपनी अनोखी मिठास और गाढ़ेपन के लिए प्रसिद्ध यह लस्सी वाराणसी की पहचान मानी जाती है। द्वारिका लस्सी प्रतिष्ठान के संचालक द्वारिका मांझी पहलवान ने बताया कि प्रशासन की ओर से आए विशेष आदेश के बाद तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि लस्सी स्वयं उनके हाथों से बनाई जाएगी और सभी सामग्री पर उनकी व्यक्तिगत निगरानी रहेगी, ताकि प्रधानमंत्री स्तर के मेहमानों को सर्वोत्तम स्वाद का अनुभव कराया जा सके।
द्वारिका मांझी पहलवान ने भावुक होकर कहा, "हमारे लिए यह गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ-साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी हमारे हाथों से बनी लस्सी का स्वाद चखेंगे। यह केवल व्यापार नहीं बल्कि हमारी परंपरा और काशी की पहचान को दुनिया तक पहुँचाने का माध्यम है। हम भाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री स्तर के लोग हमारी लस्सी को पसंद करते हैं।"
यह पहली बार नहीं है जब द्वारिका लस्सी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी विशेषता पहुँचाई हो। इससे पहले भी वाराणसी दौरे के दौरान मोदी जी के लिए विशेष रूप से यह लस्सी भेजी गई थी। मांझी पहलवान बताते हैं कि यह लस्सी अपनी खास रेसिपी और पारंपरिक अंदाज की वजह से शहर ही नहीं बल्कि विदेशों से आने वाले पर्यटकों तक में मशहूर है।
वाराणसी दौरे के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री 11 सितंबर को रविदास घाट से क्रूज यात्रा पर निकलेंगे। इस यात्रा में वे गंगा की लहरों के बीच आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हुए दशाश्वमेध घाट पहुँचेंगे, जहाँ वे विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती का दर्शन करेंगे। इस खास क्षण में भी लस्सी की व्यवस्था रखी जाएगी ताकि विदेशी मेहमान भारतीय संस्कृति के साथ-साथ स्थानीय खानपान का भी स्वाद ले सकें।
रामनगर की पहचान केवल विश्वप्रसिद्ध रामलीला तक ही सीमित नहीं है। यहाँ की लस्सी भी एक ऐसा स्वाद है जो पीढ़ियों से लोगों के दिलों पर छाई हुई है। यही कारण है कि आज जब अंतरराष्ट्रीय स्तर के अतिथि वाराणसी पधार रहे हैं, तो स्वागत की थाली में गंगा-जमुनी परंपरा के साथ-साथ रामनगर की लस्सी का नाम भी शान से जुड़ गया है।
वाराणसी की सड़कों से लेकर घाटों तक इस समय तैयारियों का खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों में भी यह खुशी है कि उनका शहर एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी संस्कृति और परंपराओं से मेहमानों का दिल जीतने जा रहा है।
इस दौरे से एक ओर जहाँ भारत और मॉरीशस के बीच गहरे संबंधों को मजबूती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर काशी की संस्कृति, आध्यात्मिकता और खानपान की महक भी अंतरराष्ट्रीय पटल पर बिखर जाएगी। और इस पूरी कड़ी में रामनगर की लस्सी वह मीठा स्वाद बनेगी, जो इस ऐतिहासिक यात्रा को हमेशा यादगार बनाएगा।