मॉरीशस पीएम की पत्नी ने काशी से खरीदी बनारसी साड़ी स्टोर मालिक को दिया विदेश विस्तार का ऑफर

मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ में पूजन के बाद पत्नी के लिए प्रसिद्ध बनारसी साड़ी खरीदी, बुनाई की प्रशंसा की।

Sat, 13 Sep 2025 11:15:18 - By : Garima Mishra

काशी की पारंपरिक संस्कृति और बनारसी बुनाई ने एक बार फिर विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम और उनकी पत्नी वीना रामगुलाम शुक्रवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद स्थानीय धानुका स्टोर पहुंचे। यहां वीना रामगुलाम ने सिल्क की बनारसी साड़ी और सिल्क का दुपट्टा खरीदा। प्रधानमंत्री ने इस दौरान साड़ी की बुनाई और डिजाइन की प्रशंसा करते हुए स्टोर के मालिक गौरी शंकर धानुका को प्रस्ताव दिया कि मॉरीशस में भी ऐसा स्टोर खोला जाए ताकि वहां के लोग भी सीधे काशी की प्रसिद्ध कला से जुड़ सकें।

प्रधानमंत्री ने साड़ी और दुपट्टे का भुगतान रूपे कार्ड से किया और बातचीत के दौरान बताया कि वे पहले से ही पत्नी के लिए बनारसी साड़ी खरीदने का मन बना चुके थे। उन्होंने कहा कि बनारसी सिल्क की गुणवत्ता और बारीक काम पूरी दुनिया में अनोखा है और इसकी मांग विदेशों में भी लगातार बढ़ रही है।

इससे पहले प्रधानमंत्री दंपती ने श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचकर विधिविधान से बाबा विश्वनाथ का पूजन अर्चन किया। गर्भगृह में षोडशोपचार पूजन करने के बाद उन्होंने भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों की मजबूती, दोनों देशों की समृद्धि और लोककल्याण की कामना की। मंदिर के अर्चक टेकनारायण उपाध्याय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से दोनों देशों की एकता और सांस्कृतिक जुड़ाव पर बल देते हुए बाबा से आशीर्वाद मांगा।

काशी प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी ने यहां की परंपरा और खानपान का भी अनुभव लिया। गुरुवार को भी वीना रामगुलाम ने मकबूल आलम रोड स्थित एक साड़ी शोरूम से खरीदारी की थी। वहां से उन्होंने पोटली बैग, स्लिंग बैग, कुर्ता पायजामा और उपहार स्वरूप कई सामान लिए थे।

शुक्रवार दोपहर एक बजे प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम पत्नी और कैबिनेट मंत्रियों के साथ बाबतपुर एयरपोर्ट से अयोध्या रवाना हो गए। विदाई के समय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, जिला प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना, कमिश्नर एस राजलिंगम, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

काशी की यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही बल्कि बनारसी सिल्क की अंतरराष्ट्रीय पहचान को भी और मजबूत करने का अवसर बनी। प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी की ओर से मिली यह सराहना स्थानीय व्यापारियों और कारीगरों के लिए भी उत्साह का विषय बनी हुई है।

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