मिर्जापुर: गंगा में नाव डूबी, एक छात्र लापता, पांच सुरक्षित, वाराणसी जा रही थी नाव

मिर्जापुर के चुनार थाना क्षेत्र में गंगा नदी में नाव डूबने से एक 17 वर्षीय छात्र लापता हो गया, जबकि पांच अन्य को बचा लिया गया, नाव वाराणसी जा रही थी।

Fri, 27 Jun 2025 12:44:21 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

मिर्जापुर: चुनार थाना क्षेत्र अंतर्गत गंगापुर गांव में शुक्रवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया जब छह छात्र एक छोटी नाव से गंगा नदी पार करते समय जलसमाधि के शिकार हो गए। यह नाव वाराणसी की ओर जा रही थी, लेकिन रास्ते में संतुलन बिगड़ने और नाव में छेद हो जाने से अचानक डूब गई। इस हादसे में पांच छात्रों को तो स्थानीय लोगों की मदद से सकुशल बाहर निकाल लिया गया, मगर एक 17 वर्षीय किशोर नदी में लापता हो गया है, जिसकी तलाश देर शाम तक जारी रही।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गंगापुर गांव के छह किशोर—अजय कुमार (17), अर्जुन साहनी, मल्लू साहनी, अंश, सूरज और आकाश—गंगा पार वाराणसी में पार्टी मनाने की योजना से एक छोटी निजी नाव पर सवार होकर निकले थे। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, नाव की स्थिति पहले से ही खराब थी और उसमें नीचे की ओर छेद था, जिससे पानी भरता चला गया। गंगा की तेज धारा और नाव की कमज़ोर स्थिति के कारण कुछ ही देर में नाव असंतुलित होकर पलट गई।

ग्रामीण अरविंद कुमार, जो डूबे किशोर अजय कुमार के चाचा हैं, ने बताया कि उनका भतीजा अजय भी उसी नाव में सवार था और अब तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका है। उन्होंने भावुक स्वर में कहा, “बच्चे सिर्फ एक छोटा-सा पिकनिक मनाने निकले थे। किसी ने नहीं सोचा था कि यह दिन इतना भयावह होगा। बाकी सभी लौट आए, लेकिन अजय...” उनका स्वर भर्रा गया।

पांच अन्य छात्र किसी तरह तैरकर या पास के मछुआरों की मदद से सुरक्षित तट पर पहुंचने में कामयाब रहे। हादसे के बाद गांव में कोहराम मच गया और लापता किशोर की खोजबीन में ग्रामीणों के साथ पुलिस और गोताखोर जुटे हुए हैं।

चुनार कोतवाली प्रभारी रविन्द्र भूषण मौर्य ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और बताया, “गंगा में नाव डूबने की सूचना पर तत्काल स्थानीय पुलिस और बचाव दल सक्रिय हुआ। पांच छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, एक किशोर लापता है जिसकी तलाश जारी है। नाव में छेद होने के कारण यह हादसा हुआ।”

स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्यों में गोताखोरों की टीम को लगाया है और एनडीआरएफ से भी सहायता मांगी गई है। वहीं, गांव के लोग प्रशासन की धीमी कार्रवाई को लेकर आक्रोशित भी नजर आए। उनका कहना है कि यदि समय पर खोजबीन शुरू हो जाती, तो शायद अजय को बचाया जा सकता था।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर गंगा नदी में सुरक्षा उपायों और अवैध नाव संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि गंगा पार करने वाले छोटे नावों की नियमित जांच हो और बिना लाइसेंस नाव संचालन पर सख्ती से रोक लगाई जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हों।

फिलहाल, अंधेरा गहराने के बावजूद बचाव दल की कोशिशें जारी हैं, और पूरा गांव नदी के किनारे आस लगाए बैठा है कि शायद अजय का कोई सुराग मिल जाए।

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