Thu, 13 Nov 2025 11:55:14 - By : Palak Yadav
मिर्जापुर के सिद्धपीठ विंध्य क्षेत्र में बुधवार को कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर बाबा भैरवनाथ का पारंपरिक श्रृंगारोत्सव पूरे भाव और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। सुबह से ही नगर के विभिन्न इलाकों में स्थित भैरव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी और दिनभर पूजा अर्चना, भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का क्रम चलता रहा। इस अवसर पर धुंधी कटरा स्थित भैरवनाथ की गली, वासलीगंज के केदारनाथ भट्टाचार्य की गली, बेनी बाबू की गली, डंकीनगंज के उपाध्याय की पोखरी, त्रिमुहानी, कंतित और विंध्याचल क्षेत्र के कई मंदिरों में विशेष सजावट की गई थी। मंदिरों के प्रांगण को फूलों, रंगीन झालरों और दीपों से सजाया गया जिससे पूरा क्षेत्र उत्सवमय वातावरण में डूबा दिखाई दिया।
श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर बाबा भैरव से नगर की सुख शांति और समृद्धि की कामना की। विंध्याचल कोतवाली परिसर में भी भैरव और भैरवी के दर्शन हेतु भक्तों की लंबी पंक्ति लगी रही। शाम होते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ गई और दर्शन के लिए कतारें गलियों तक फैल गईं। पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विशेष भैरव पूजन संपन्न कराया। भक्तों ने भैरव चालीसा का पाठ किया, आरती की और पूरे मन से बाबा का आशीर्वाद लिया। वातावरण में गूंजते जयकारे और भक्ति गीतों ने पूरे नगर को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।
स्थानीय मान्यता के अनुसार बाबा भैरवनाथ को नगर का कोतवाल देवता माना जाता है और माना जाता है कि मां विंध्यवासिनी के दर्शन बिना भैरव पूजन के पूर्ण नहीं माने जाते। इसी कारण अष्टमी तिथि पर हर वर्ष श्रृंगारोत्सव का आयोजन किया जाता है और श्रद्धालु बड़ी संख्या में इसमें शामिल होते हैं। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन किया गया पूजन घर परिवार और नगर के लिए कल्याणकारी होता है और संकटों से रक्षा करता है।
देर शाम कई मंदिरों में भजन संध्या का आयोजन भी हुआ जिसमें बड़ी संख्या में लोग सम्मिलित हुए। भक्ति गीतों और भजन पर श्रद्धालु लीन होकर झूमते दिखे। पूरे नगर में इस अवसर पर भैरव के जयकारे गूंजते रहे, जिससे मिर्जापुर का माहौल देर रात तक भक्तिमय बना रहा।