Mon, 01 Dec 2025 11:37:46 - By : Yash Agrawal
दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच लगातार गहराती जा रही है. इसी कड़ी में सोमवार सुबह राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम लखनऊ के लालबाग क्षेत्र में डॉ शाहीन सईद के घर पहुंची. NIA के साथ स्थानीय पुलिस भी मौजूद रही. यह वही घर है जहां 11 नवंबर को जम्मू कश्मीर पुलिस और उत्तर प्रदेश एटीएस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी. उस कार्रवाई के बाद से घर के दरवाजे बंद थे और शाहीन के पिता सईद अंसारी ने खुद को घर में सीमित कर लिया था.
डॉ शाहीन को 9 नवंबर को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के दौरान उनकी कार से एके 47, पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद किए जाने का दावा किया गया, जिसके बाद पूरे मामले की गंभीरता कई गुना बढ़ गई. एजेंसियों का कहना है कि वह डॉक्टर मुजम्मिल शकील की करीबी रही है, जो इस केस का अहम नाम माना जा रहा है.
सोमवार को NIA की टीम के पहुंचते ही पूरे लालबाग इलाके में हलचल बढ़ गई. घर के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया और स्थानीय लोगों का आना जाना लगभग बंद हो गया. टीम ने घर में मौजूद सईद अंसारी से करीब एक घंटे तक पूछताछ की और घर की बारीकी से तलाशी ली. कुछ लोगों में यह चर्चा थी कि एजेंसी संभवत: शाहीन को भी साथ लाई है, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की.
दरअसल, 11 नवंबर को जम्मू कश्मीर पुलिस और एटीएस ने लालबाग और मड़ियांव स्थित दो संपत्तियों पर छापे मारे थे. लालबाग के खंदारी बाजार वाले घर में उस समय शाहीन के पिता ही मौजूद थे. टीम ने घर से दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की थी. दूसरी छापेमारी मड़ियांव आईआईएम रोड स्थित घर पर हुई थी, जो शाहीन के भाई डॉ परवेज अंसारी का है. टीम को वहां ताला लगा मिला जिसे तोड़कर अंदर प्रवेश किया गया. भीतर कई दस्तावेज, मोबाइल उपकरण और डिजिटल रिकॉर्ड की जांच की गई.
डॉ परवेज का नाम भी जांच में सामने आया है. वह इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था और दिल्ली ब्लास्ट से ठीक एक सप्ताह पहले उसने अपने पद से इस्तीफा दिया था. एटीएस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की है और उसके संपर्कों की जांच जारी है.
अब पूरा मामला NIA के हाथ में है. एजेंसी दिल्ली ब्लास्ट के साजिशकर्ताओं की कड़ियां, हथियारों की बरामदगी और नेटवर्क के विस्तार की जांच कर रही है. जांच का मुख्य फोकस यह समझना है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जम्मू कश्मीर के बीच इस नेटवर्क की गतिविधियां कैसे संचालित होती थीं और शाहीन तथा उसके संपर्क किस स्तर तक जुड़े थे.