Sun, 17 Aug 2025 09:16:56 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में इन दिनों लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजधानी दिल्ली में सुबह से ही रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जहां लोगों को उमस और गर्मी से राहत दी है, वहीं जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या ने मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में भी भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिसके चलते हालात और गंभीर हो गए हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले कुछ दिनों तक कई इलाकों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग का कहना है कि लगातार हो रही वर्षा से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है। विशेषकर उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत के पर्वतीय जिलों में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से यात्रा न करने की सलाह दी है।
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ रहा है। कई मार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे यात्री बीच रास्ते फंसे हुए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है और लगातार निगरानी की जा रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के तराई और पूर्वी हिस्सों में कई नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गांवों में पानी भरने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।
दिल्ली-एनसीआर में लगातार हो रही बारिश ने जहां तापमान में गिरावट ला दी है, वहीं सड़कों पर जलभराव से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई इलाकों में लंबा जाम लग गया है, जिससे दफ्तर और स्कूल जाने वालों को परेशानी झेलनी पड़ी। नगर निगम के कर्मचारी लगातार पानी निकासी और नालों की सफाई में जुटे हुए हैं।
पूर्वोत्तर भारत में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भारी वर्षा के चलते नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन द्वारा राहत कैंप बनाए गए हैं और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय दिखाई दे रहा है। लगातार तेज बारिश से जहां किसानों की फसल को फायदा हो सकता है, वहीं जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं। आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं, ऐसे में प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर सतर्कता बरतनी होगी।