Fri, 19 Sep 2025 21:28:00 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर स्थित मल्टीमॉडल टर्मिनल अब एक नई पहचान बनाने जा रहा है। गंगा किनारे अब केवल नावों और क्रूज का संचालन ही नहीं होगा, बल्कि उनकी मरम्मत की भी अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होगी। यहां देश का पहला मैदानी क्षेत्र में स्थापित होने वाला शिप रिपेयरिंग सेंटर तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात से ऑनलाइन इसका शिलान्यास करेंगे।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना केंद्र सरकार की पीएम गति शक्ति योजना और जलमार्ग विकास परियोजना को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। अब तक जहाजों और बड़े जलयानों की मरम्मत का काम समुद्र तटीय इलाकों तक ही सीमित था। लेकिन गंगा किनारे रामनगर में बनने वाले इस ड्राई-डॉक की वजह से जल परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा। इससे न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि वाराणसी और आसपास के इलाकों में स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
आईडब्ल्यूएआई (Inland Waterways Authority of India) के अधिकारियों के मुताबिक, एक जलयान की मरम्मत में प्रतिदिन करीब 30 से 40 श्रमिकों की जरूरत पड़ती है। रामनगर में बन रहे ड्राई-डॉक में एक साथ चार जलयानों की मरम्मत संभव होगी। इसका सीधा लाभ स्थानीय कारीगरों, तकनीशियनों और युवाओं को मिलेगा। बंदरगाह के आसपास के इलाकों में व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ने की संभावना है।
अब तक जलयानों का निर्माण और उनकी मरम्मत केवल समुद्री तटों पर ही होती थी। लेकिन अंतर्देशीय जलमार्ग यातायात को बढ़ावा देने के लिए रामनगर में मल्टीमॉडल टर्मिनल का विकास किया गया और अब यहां जलयानों की मरम्मत भी संभव होगी। यह गंगा पर आधारित परिवहन को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ड्राई-डॉक पानी के किनारे बना हुआ एक आयताकार बेसिन होता है। जब किसी जहाज या जलयान की मरम्मत करनी होती है तो उसे इस बेसिन में खड़ा किया जाता है और फिर पंप के जरिए पूरा पानी बाहर निकाल दिया जाता है। सूखी सतह पर खड़े जहाज की मरम्मत और तकनीकी कार्य आसानी से हो जाते हैं। मरम्मत पूरी होने के बाद बेसिन में दोबारा पानी भर दिया जाता है और जहाज को मुख्य धारा में उतार दिया जाता है।
आईडब्ल्यूएआई वाराणसी के प्रभारी संजीव कुमार का कहना है, "रामनगर मल्टीमॉडल टर्मिनल पर ड्राई-डॉक का निर्माण जल परिवहन को नई गति देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके शिलान्यास से अंतर्देशीय जलमार्ग की संभावनाओं को और मजबूती मिलेगी।"
रामनगर का यह शिप रिपेयरिंग सेंटर आने वाले समय में गंगा किनारे जल परिवहन की रीढ़ साबित हो सकता है। यह परियोजना न केवल देश में जलमार्ग यातायात को नई ऊँचाई देगी बल्कि वाराणसी को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि भी प्रदान करेगी।