Sat, 08 Nov 2025 10:43:25 - By : Shriti Chatterjee
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि आज वंदे भारत ट्रेन भारतीयों के गर्व का प्रतीक बन गई है। यह भारतीयों की, भारतीयों द्वारा और भारतीयों के लिए बनाई गई ट्रेन है। पहले ऐसी तकनीक और ट्रेनें विदेशों में बनती थीं, लेकिन अब भारत खुद उन्हें बना रहा है और दुनिया को दिखा रहा है। पीएम ने कहा कि विदेशी यात्री भी वंदे भारत ट्रेन देखकर अचंभित रह जाते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने ‘नमः पार्वती पतये’ के उच्चारण से की और लगभग 18 मिनट तक लोगों को संबोधित किया। जिन ट्रेनों की शुरुआत उन्होंने की, उनमें वाराणसी-खजुराहो, फिरोजपुर-दिल्ली, एर्नाकुलम-बेंगलुरु और लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं। इन ट्रेनों के शुरू होने से यात्रियों को तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का नया अनुभव मिलेगा। वाराणसी को यह उसकी आठवीं वंदे भारत ट्रेन मिली है, जिससे यह देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है जहां सबसे अधिक वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं।
वाराणसी में पीएम मोदी का यह इस वर्ष का पांचवां और सांसद रहते अब तक का 53वां दौरा रहा। वे शाम पांच बजे वाराणसी पहुंचे और एयरपोर्ट से बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) तक सड़क मार्ग से पहुंचे। करीब 27 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर जगह-जगह कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने फूलों और नारों के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तीर्थ यात्राएं केवल देवदर्शन का मार्ग नहीं हैं, बल्कि देश की आत्मा को जोड़ने वाली परंपरा हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट, कुरुक्षेत्र जैसे तीर्थस्थल भारत की आध्यात्मिक धारा के केंद्र हैं और अब जब ये सभी स्थान वंदे भारत नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, तो यह भारत की संस्कृति, आस्था और विकास को एक साथ जोड़ने का कार्य कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि वंदे भारत जैसी ट्रेनें रेलवे की नई पीढ़ी की नींव रख रही हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया के विकसित देशों में आर्थिक प्रगति का सबसे बड़ा कारण वहां का मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर है। जैसे ही किसी इलाके में रेलवे लाइन बनती है, विकास की रफ्तार भी बढ़ जाती है। मोदी ने कहा कि वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे को आधुनिकता की नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। ये देश के विकास को नई दिशा देने वाला बड़ा अभियान है।
यात्रियों ने भी वंदे भारत के पहले सफर को लेकर अपनी खुशी व्यक्त की। यात्री शुभम ने कहा कि पहली बार इस ट्रेन में सफर करने का अनुभव बहुत विशेष है। खजुराहो जाने को लेकर मन और भी उत्साहित है क्योंकि यह काशी विश्वनाथ और खजुराहो विश्वनाथ का संगम जैसा महसूस हो रहा है। वहीं पतंजलि पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब इस ट्रेन को रवाना किया, तो वह क्षण बहुत गर्व का था। काशी और खजुराहो दोनों ही भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं, और वंदे भारत इन दोनों स्थानों को जोड़कर एक नई दिशा दे रही है।
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि आने वाले वर्षों में भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया में सबसे आधुनिक और प्रभावी नेटवर्क के रूप में सामने आएगा। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इस बदलाव को देश के आत्मनिर्भर अभियान का हिस्सा मानें और इसे नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएं।