प्रयागराज: रिश्वत लेते दरोगा अभिनव सिंह गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई

प्रयागराज में एंटी करप्शन टीम ने करछना थाने के दरोगा अभिनव सिंह को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया, शिकायतकर्ता रवि सिंह से मुकदमे में नाम हटाने के लिए मांगी थी रिश्वत।

Fri, 18 Jul 2025 22:22:53 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

प्रयागराज: भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अहम कदम उठाते हुए प्रयागराज की एंटी करप्शन टीम ने करछना थाने में तैनात उपनिरीक्षक (दरोगा) अभिनव सिंह को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई शुक्रवार को उस वक्त की गई जब दरोगा, शिकायतकर्ता से रुपये की मांग पूरी कराने पहुंचा था। टीम ने सरकारी गवाहों की मौजूदगी में उसे हिरासत में लिया, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच एजेंसी की सक्रियता और तत्परता फिर एक बार साबित हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले की शुरुआत शिकायतकर्ता रवि सिंह की तरफ से दी गई उस सूचना से हुई जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि करछना थाने में तैनात दरोगा अभिनव सिंह ने एक मुकदमे में उनका नाम हटाने के बदले 25 हजार रुपये की मांग की है। शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने योजना के तहत एक ट्रैप ऑपरेशन तैयार किया। टीम ने देवरी खुर्द इलाके में स्थित शिकायतकर्ता के ईंट भट्ठे के पास शुक्रवार को दरोगा को रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी की प्रक्रिया सरकारी गवाहों की मौजूदगी में पूरी की गई, ताकि बाद में कानूनी कार्रवाई में किसी प्रकार की प्रक्रिया संबंधी चूक न हो।

एंटी करप्शन टीम ने तत्काल प्रभाव से थाना औद्योगिक क्षेत्र में आरोपी दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। सूत्रों के मुताबिक, मामले की अग्रिम जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। आरोपी दरोगा अभिनव सिंह यादव, बलिया जिले के सहतवार थाना अंतर्गत रजौली गांव के निवासी बताए जा रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद टीम उन्हें आवश्यक पूछताछ और कानूनी कार्रवाई के लिए अपने साथ ले गई है।

इस मामले ने जिले की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस अधिकारी पर कानून की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वही अगर कानून को ताक पर रखकर आम नागरिक से अवैध धन की मांग करता है, तो यह न केवल पूरी व्यवस्था पर धब्बा है बल्कि आम जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंचाने वाला है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार हो रही ऐसी कार्रवाइयों से यह संदेश जरूर गया है कि अब किसी भी स्तर पर रिश्वतखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी क्यों न हो।

प्रशासन की ओर से यह भी संकेत मिला है कि ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए आरोपित को निलंबित किया जा सकता है और विभागीय जांच की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। वहीं, आम नागरिकों से यह अपील भी की गई है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है तो वे तुरंत एंटी करप्शन विभाग या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें ताकि ऐसी प्रवृत्तियों पर समय रहते अंकुश लगाया जा सके।

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