प्रयागराज में 15.67 लाख के गबन में डाक विभाग की कार्रवाई तेज, दोषी कर्मचारियों से वसूली की तैयारी

प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पोस्ट ऑफिस खाते से 15.67 लाख रुपये गबन मामले में अब चार निलंबित कर्मचारियों से वसूली की तैयारी है।

Wed, 12 Nov 2025 13:29:29 - By : Yash Agrawal

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व ज्वाइंट रजिस्ट्रार अशोक कुमार वर्मा के पोस्ट ऑफिस खाते से 15.67 लाख रुपये के गबन का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। विभागीय जांच के बाद अब चार निलंबित कर्मचारियों से वसूली की तैयारी शुरू कर दी गई है। जांच में यदि इनकी संलिप्तता साबित होती है, तो उनसे पूरी रकम की भरपाई कराई जाएगी। मामला करीब सात साल पुराना है और इसे लेकर पोस्ट ऑफिस प्रशासन पर भी कई गंभीर सवाल उठे हैं।

गबन का खुलासा तब हुआ जब दिवंगत अधिकारी की पत्नी मधुबाला श्रीवास्तव अपने पति के खाते से रकम निकालने के लिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट पोस्ट ऑफिस पहुंचीं। पासबुक एंट्री कराने पर उन्हें यह जानकर झटका लगा कि खाते से पहले ही 15 लाख से अधिक की निकासी हो चुकी है। उन्होंने तुरंत इस अनियमितता की जानकारी पोस्ट ऑफिस प्रशासन को दी। जांच में पाया गया कि खाते से 2024 और 2025 के बीच लाखों रुपये निकाले गए थे, जबकि खाते में किसी भी नामिनी का नाम दर्ज नहीं था।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि निकासी के दौरान केवाईसी अपडेट और सत्यापन प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गई थी। कई दस्तावेज अधूरे या संदिग्ध पाए गए। इसी आधार पर विभाग ने कार्रवाई करते हुए चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इनमें उप डाकपाल संतोष कुमार राम, मनोज यादव, डाक सहायक विधान चंद्र ठाकुर और मनीष कुमार शामिल हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट अंतिम चरण में है और यदि इन कर्मचारियों की भूमिका दोषपूर्ण पाई जाती है तो उनसे पूरी 15.67 लाख रुपये की वसूली की जाएगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है ताकि किसी निर्दोष पर कार्रवाई न हो और असली दोषियों को बख्शा न जाए। अधिकारी ने कहा कि डाक विभाग अब ऐसे मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है। विभागीय रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और लेनदेन के इलेक्ट्रॉनिक लॉग की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि निकासी किस स्तर पर संभव हुई।

वहीं, मृत अधिकारी की पत्नी मधुबाला श्रीवास्तव ने विभाग से ब्याज सहित पूरी रकम लौटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ वित्तीय नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी का मामला भी है। उन्होंने दोषी कर्मचारियों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह मामला डाक विभाग की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल सत्यापन और ग्राहक खातों की निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। विभागीय जांच पूरी होने के बाद यह तय होगा कि इस गबन का असली जिम्मेदार कौन है और कब तक पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा।

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