Sat, 25 Oct 2025 13:10:37 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला का प्रसव अस्पताल के गेट पर ही हो गया, क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। झारखंड की रहने वाली रेनू, जो वाराणसी में मजदूरी करती हैं, प्रसव पीड़ा के दौरान टेंपो के जरिए अस्पताल लायी गईं, लेकिन गेट पर पहुंचते ही उनका प्रसव प्रारंभ हो गया।
रेनू की स्थिति प्रसव के समय स्थिर रही, लेकिन नवजात शिशु का वजन मात्र 1.6 किलोग्राम था, जिससे उसकी स्थिति नाजुक बन गई। नवजात शिशु को तुरंत कबीरचौरा स्थित महिला अस्पताल में रेफर किया गया, जहाँ उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है। सीएमएस डॉ. आरएस राम ने बताया कि डॉ. आरती दिव्या की देखरेख में नवजात और मां दोनों का इलाज चल रहा है। मां की हालत स्थिर है, जबकि बच्चे की स्थिति अभी भी गंभीर है।
इस घटना ने अस्पताल में समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रसव के समय सुविधा में देरी से नवजात और माताओं के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
वाराणसी के स्वास्थ्य विभाग ने भी मामले पर ध्यान देते हुए गहन निगरानी और आपातकालीन सुविधाओं को मजबूत करने की योजना बनाई है। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से कहा है कि प्रसव और अन्य आपातकालीन मामलों में समय पर सहायता उपलब्ध कराई जाए।