Thu, 13 Nov 2025 10:56:21 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर अब 21 नवंबर को सुनवाई होगी। यह याचिका वकील हरिशंकर पांडेय ने दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया था। यह बयान कथित तौर पर न्यूयार्क स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी में दिए गए उनके संबोधन के दौरान सामने आया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह के बयान से सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और यह धार्मिक प्रतीकों का अपमान माना जाना चाहिए।
इस मामले में जिला जज संजीव शुक्ला ने पुनरीक्षण याचिका को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए यजुर्वेद विक्रम सिंह की अदालत में स्थानांतरित कर दिया है। अदालत ने इस प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है। याचिकाकर्ता हरिशंकर पांडेय ने इससे पहले अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए की अदालत में परिवाद दायर किया था, लेकिन विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी एमएलए की अदालत ने 17 मई को इसे निरस्त कर दिया था। इसी आदेश के खिलाफ पांडेय ने 26 सितंबर को जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।
याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा पूर्व में भी सनातन धर्म से जुड़े प्रतीकों और अवतारों पर अनुचित टिप्पणी की जाती रही है। पांडेय के अनुसार ब्राउन यूनिवर्सिटी में भगवान श्रीराम को काल्पनिक पात्र बताना हिंदुओं की आस्था पर सीधा प्रहार है और अदालत को इस मामले में संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान समाज को भ्रमित करते हैं और धार्मिक मतभेद को बढ़ावा देते हैं।
याचिकाकर्ता का आग्रह है कि अदालत इस मामले में कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ाए और राहुल गांधी के कथित बयान को धार्मिक आस्था का अपमान मानते हुए आवश्यक निर्देश जारी करे। मामले की अगली सुनवाई का इंतजार स्थानीय कानूनी समुदाय के साथ आम लोगों में भी बना हुआ है, क्योंकि यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सुर्खियां बटोर चुका है।